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किसानों के प्रदर्शन से रेलवे को लगी भारी चपत, अब तक 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान

पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ 32 जगहों पर रेल पटरियों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते रेलवे को लगभग 1200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। रेलवे के आंकड़ों के अनुसार प्रदर्शनों के कारण जारी नाकेबंदी की वजह से जरूरी सामान लाने वाली 2,225 से अधिक मालगाड़ियों का संचालन नहीं हो सका है। लगभग 1,350 मालगाड़ियों का संचालन रद्द करना पड़ा है या उनका मार्ग बदल दिया गया है।

ट्रेनों की आवाजाही बंद
एक अधिकारी ने कहा कि प्लेटफॉर्मों या रेल की पटरियों के निकट प्रदर्शनकारियों का धरना जारी है, जिसके चलते लगभग 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। संचालनात्मक और सुरक्षा चिंताओं के चलते ट्रेनों की आवाजाही बंद है। प्रदर्शनकारी अचानक कुछ ट्रेनों को रोक चुके हैं और विभिन्न स्थानों विशेष रूप से जंडियाला, नाभा, तलवंडी साबो और बठिंडा के आसपास छिटपुट नाकेबंदी जारी है।” अधिकारी ने कहा कि पंजाब में रेल पटरियों के कुछ हिस्सों में जारी नाकेबंदी के चलते मालगाड़ियों की आवाजाही और कृषि, उद्योग तथा बुनियादी ढांचे से संबंधित क्षेत्र के लिये जरूरी सामानों की उपलब्धता पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी 
इससे पहले, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रेलगाड़ियों का संचालन फिर से शुरू करने से पहले रेल की पटरियों और संचालन कर्मियों की सुरक्षा का आश्वासन मांगा था। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह केन्द्र कृषि कानूनों के संबंध में अपनी अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलना चाहते थे, जिसकी अनुमति नहीं मिली। लिहाजा बुधवार को वह यहां राजघाट पर कांग्रेस विधायकों के धरने का नेतृत्व करेंगे।

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