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कांग्रेस से हाथ मिलाकर पछता रहे कुमारस्वामी, बोले- मैंने जाल में फसकर जनता का खो दिया भरोसा

जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी को कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर पछतावा हो रहा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार बनाकर पार्टी ने राज्य की जनता के बीच बनाया तथा 12 साल तक बरकरार रखा गया भरोसा खो दिया। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि वह ”जाल” में फंस गए थे। उन्होंने कांग्रेस नेता सिद्धारमैया पर षड़यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने भी उन्हें इतना बड़ा धोखा नहीं दिया।

मेरी पार्टी ने खो दी अपनी मजबूती: कुमारस्वामी
कुमारस्वामी ने मैसूर में पत्रकारों से कहा कि मैंने 2006-07 में (मुख्यमंत्री के तौर पर) राज्य की जनता का जो भरोसा हासिल किया था और जिसे 12 साल तक बरकरार रखा था वह कांग्रेस से हाथ मिलाकर खो दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें कांग्रेस से हाथ नहीं मिलना चाहिये था, जिसने जद (एस) को भाजपा की ‘बी’ टीम कहकर उसके खिलाफ अभियान चलाया था। लेकिन पार्टी सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा के रुख की वजह से वह गठबंधन सरकार बनाने के लिये राजी हुए थे। उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी को अपनी मजबूती खोकर उसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है…मैं देवगौड़ा की भावनाओं के चलते जाल में फंस गया था, जिसका खामियाजा स्वतंत्र रूप से 28-40 सीटें जीतने वाली मेरी पार्टी को बीते तीन साल में हुए चुनाव के दौरान भुगतना पड़ा है।

सिद्धारमैया ने किया पलटवार 
कुमारस्वामी ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह देवगौड़ा को इसका दोष नहीं दे रहे हैं क्योंकि वह धर्मनिरपेक्ष पहचान के प्रति अपने पिता की आजीवन प्रतिबद्धता को समझते तथा उसका सम्मान करते हैं। कुमारस्वामी के आरोपों पर पटलवार करते हुए सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि वह  झूठ बोलने में माहिर हैं, वह राजनीति की खातिर हालात के मुताबिक झूठ बोल सकते हैं। जद (एस) को 37 सीटें मिलने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बनाना क्या हमारी गलती थी?

कांग्रेस – जद(एस) ने मिलकर ने लड़ा था चुनाव 
गौरतलब है कि 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जब किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था तो एक -दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस – जद(एस) ने मिलकर सरकार बनाई थी और कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। दोनों पार्टियों ने पिछले साल साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसके बाद गठबंधन में आंतरिक मतभेद पैदा हो गए तथा कुछ विधायकों की बगावत के चलते गठबंधन सरकार गिर गई।

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