केंद्र के साथ किसान नेताओं की पांचवें दौर की वार्ता जारी, सरकार के प्रस्तावों पर हो रही चर्चा
नई दिल्ली। पिछले 10 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल व केंद्र के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की वार्ता शुरू हो गई है। इसमें किसानों की ओर से 40 प्रतिनिधि व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अलावा कृषि मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं। ये किसान संसद के मानसून सत्र में पारित तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं। किसानों ने यहां तक कहा है कि वे इसमें संशोधन नहीं बल्कि पूरी तरह वापसी चाहते हैं।
जानें अब तक के अपडेट-
– आजाद किसान संघर्ष कमिटी के प्रदेश अध्यक्ष हरजिंदर सिंह टांडा (Harjinder Singh Tanda) ने कहा, ‘हम कानूनों की पूरी तरह वापसी चाहते हैं। यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हम आंदोलन जारी रखेंगे।
– इसके लिए सिंघु (Singhu) बॉर्डर से रवाना हुए किसान नेताओं की बस विज्ञान भवन पहुंची। एक किसान नेता ने कहा, ‘ये कानून रद होने चाहिए। यदि वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकलता तो भारत बंद (8 दिसंबर को) किया जाएगा।’
इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर इसी मुद्दे पर बातचीत के लिए अहम केंद्रीय मंत्रियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक संपन्न हो गई है। इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह ( Union ministers Amit Shah), राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल शामिल हुए।
#WATCH | Farmers continue their protest against the farm laws at Delhi-Haryana border in Singhu.
Fifth round of talks is scheduled to take place between farmers’ representatives and the Central government at 2 pm today. pic.twitter.com/cIHpIveOzx
किसानों से कृषि मंत्री को है ये उम्मीद
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘आज दोपहर दो बजे किसानों के साथ बैठक होगी। मैं काफी आशान्वित हूं कि किसान सकारात्मक सोचेंगे और अपना आंदोलन खत्म करेंगे।’ किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा, ‘आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद करने के लिए ही बात होगी।’
कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं किसान
इससे पहले गुरुवार को विज्ञान भवन में किसान प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार की वार्ता हुई थी लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता था। हालांकि किसानों की कुछ मांगों को लेकर केंद्र सरकार ने सहमति जताई थी। इस क्रम में आज होने वाली बैठक दोपहर दो बजे से शुरू हो गई है। मानसून सत्र के दौरान संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही है। सरकार ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ये तीनों कानून किसानों के लिए बेहतर मौके लाएंगे।
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