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जम्मू-कश्मीर में नए भूमि कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सीपीआइ नेता तारीगामी

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में नए भूमि खरीद कानून के खिलाफ माकपा नेता एवं पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। अक्टूबर में केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार कोई भी भारतीय नागरिक अब जम्मू कश्मीर में बस सकता है और आवास एवं व्यापार के लिए वहां जमीन खरीद सकता है। याचिका में सर्वोच्च अदालत से इस आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है।

दाखिल याचिका में कहा गया है कि यह आदेश जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत लाए गए हैं और यह गैरकानूनी हैं। इस कानून को कई लोगों ने पहले से ही चुनौती दी है। गृह मंत्रालय ने कृषि भूमि के प्रबंधन से जुड़े जम्मू कश्मीर भूमि राजस्व अधिनियम 1996 और औद्योगिक व प्रदेश के आधारभूत ढांचे के विकास से जुड़े जम्मू कश्मीर विकास अधिनियम 1970 के प्रविधानों में संशोधन किया है।

याचिका के अनुसार नए कानून के तहत कृषि भूमि अब गैर कृषक को नहीं बेची जा सकती पर कृषि भूमि को प्रदेश सरकार तय नियमों के तहत गैर कृषि भूमि में बदल सकती है। उन्होंने कहा कि जमीन के सीएलयू (जमीन के उपयोग में बदलाव) अधिकार जिला कलेक्टर तक के अधिकारी पर नहीं सौंपा जा सकता और इस मामले में कोई नियंत्रण होना आवश्यक है। चार बार के कुलगाम के विधायक तारीगामी ने दावा किया है कि यह संशोधन जम्मू कश्मीर की जमीन के उपयोग में बदलाव लाएगा और जम्मू कश्मीर की खाद्य सुरक्षा प्रभावित होगी।

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