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असम के पूर्व मुख्‍यमंत्री तरुण गोगोई की हालत बेहद नाजुक, दो महीने पहले कोरोना पॉजिटिव आने के बाद कराए गए थे भर्ती

गुवाहाटी। असम के पूर्व मुख्‍यमंत्री तरुण गोगोई की हालत बेहद नाजुक बताई जाती है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, उन्‍हें मैकेनिकल वेंटिलेटर पर रखा गया है। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल के सुप्रिंटेंडेंट अभिजीत शर्मा ने बताया कि शनिवार शाम को उन्‍हें इनोट्रोपिक सपोर्ट पर भी रखा गया था। मालूम हो कि गोगोई 25 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इसके ठीक अगले ही दिन उन्हें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल में भर्ती कराना पड़ा था। वह दो महीने तक अस्पताल में रहे थे बाद में उन्‍हें अस्‍पताल से छुट्टी भी दे दी गई थी।

समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, 86 वर्षीय गोगोई के कई अंग काम नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से उनकी हालत और बिगड़ गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बताया कि पूर्व मुख्‍यमंत्री को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी जिसके बाद मैकेनिकल वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। वह बेहोश हो गए हैं। हिमंत बिस्व सरमा ने बताया कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोगोई को बेचैनी की शिकायत के बाद गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दो नवंबर को भर्ती कराया गया था।

गोगोई के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने अस्पताल पहुंचे सरमा ने कहा कि दोपहर के करीब सांस लेने में दिक्कत के बाद उनकी हालत बिगड़ी गई। शाम को डॉक्टरों ने एक इंट्यूबेशन वेंटिलेटर शुरू किया जो मशीन वेंटिलेशन है। मौजूदा वक्‍त में गोगोई के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया है और वह बेहोश हैं। डॉक्‍टर दवाओं और अन्य साधनों के जरिए उनके अंगों को ठीक करने की कोशिशों में जुटे हैं। गोगोई की डायलिसिस भी की जाएगी।

सरमा ने बताया कि तरुण गोगोई के लिए अगले 48-72 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। डॉक्‍टर उन्‍हें बचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। जीएमसीएच के डॉक्टर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्‍स के विशेषज्ञों के संपर्क में हैं। हालांकि राज्‍य सरकार ने गोगोई को इस हाल में राज्य के बाहर इलाज के लिए ले जाने की संभावना से इनकार किया। बता दें कि तरुण गोगोई असम के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्‍हें कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद 25 अक्टूबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

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