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पंचायत और ग्रामीण विकास की योजनाओं में भोपाल संभाग और जिला प्रदेश में टॉप

भोपाल: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित आजीविका मिशन, महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना, कृषि सिंचाई योजना, वाटर शेड, प्रधानमंत्री आवास योजना, मध्यान्ह योजना, स्वच्छ भारत मिशन एवं स्ट्रीट वेंडर योजना के क्रियान्वयन में भोपाल संभाग और भोपाल जिले को पहला स्थान अर्जित हुआ है। आपको बता दें कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अंतर्गत आने वाले जिला पंचायत भोपाल में दो जनपद पंचायत हैं जो कि बैरसिया और फंदा है, इनमें से बैरसिया जनपद पंचायत में 110 पंचायतें हैं तो वहीं फंदा में 77 पंचायतें हैं।

उल्लेखनीय है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रदेश के सभी संभागों एवं जिलों की प्रगति का आंकलन ग्रेडिंग प्रणाली से किया जा रहा है। जिसमें संभाग एवं जिले में चल रही विभिन्न योजनाओं में ग्रेडिंग के लिए 6 घटक निर्धारित किए गए हैं। पंचायत विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं-आजीविका मिशन, महात्मा गांधी नरेगा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटर शेड, प्रधानमंत्री आवास योजना, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, स्वच्छ भारत मिशन, पंचायत सेक्टर एवं मुख्यमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना के 30 सितंबर 2020 की प्रगति के आंकलन के आधार पर प्रदेश में भोपाल संभाग 3.71 अंक के साथ ए ग्रेड प्राप्त कर प्रथम स्थान पर, उज्जैन संभाग 3.67 अंक के साथ ए ग्रेड प्राप्त कर द्वितीय स्थान पर एवं चंबल संभाग 3.48 अंक के साथ तृतीय स्थान पर है। इसी तरह प्रदेश के सभी जिलों में भोपाल जिला 4.71 अंक के साथ ए ग्रेड प्राप्त कर प्रथम स्थान पर, मंदसौर जिला 4.57 अंक के साथ ए ग्रेड प्राप्त कर द्वितीय स्थान पर एवं 4 अंक के साथ ए ग्रेड प्राप्त कर आगर-मालवा जिला तृतीय स्थान पर रहा। प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास ने सभी संभाग आयुक्त एवं जिला कलेक्टर्स से कहा है कि वे अपने संभाग एवं जिलों की रैंक में सुधार के लिए योजनाओं की नियमित रूप से समीक्षा करें जिससे विभिन्न योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो सके। ग्रेडिंग प्रणाली से जिलों के मध्य जहां एक ओर प्रतिस्पर्धा विकसित होगी वहां न्यून प्रगति वाले जिले योजनाओं के अनुश्रवण में सुधार लाकर उनमें प्रगति कर सकेंगे।

भोपाल संभाग और भोपाल जिले का प्रथम स्थान आने पर जिला पंचायत सीईओ भोपाल विकास मिश्रा ने पंजाब केसरी से बात करते हुए बताया कि इसका सारा श्रेय कलेक्टर महोदय को जाता है। जिनकी कुशल मार्गदर्शन और नेतृत्व में पूरी टीम ने कठोर परिश्रम कर यह मुकाम हासिल किया। कलेक्टर साहब सभी योजनाओं के मिशन डायरेक्टर हैं। इसके लिए हमने लगातार निचले लेवल से लेकर ओवरी लेवल तक मॉनिटरिंग की, अच्छा काम करने वालों को पुरस्कृत किया और गलत करने वालों को सजा दी। भोपाल पहली बार मध्य प्रदेश में प्रथम आया है। जुलाई के माह में हम लोग दसवें नंबर पर आए थे वहीं पिछले महीने हम छठे नंबर पर थे और इस महीने हम नंबर वन पर आ गए। नरेगा में जुलाई में हम पहले 48  नंबर में थे और इस बार हम पूरे प्रदेश में दूसरे नंबर पर आ गए। यह सब पैरामीटर पर काम करने के कारण संभव हो पाया है टीम तो वही है बस यह आप पर निर्भर करता है। कि आप टीम से कैसे काम ले पाते हैं किस तरह से आप रोजगार सहायक और सचिव तक से संवाद स्थापित कर सकते हैं। मैंने स्थानीय स्तर पर पॉलिटिकल लोगों से भी योजनाओं के बारे में बात की है उनको समझाया है जिसके बाद उन लोगों का भी काफी योगदान रहा है। हमें एक फायदा और हुआ है कि पंचायत चुनाव नजदीक हैं ऐसे में पंचायत का चुनाव लड़ने वाले लोग वर्तमान सरपंच पर नजर रखे हुए हैं अगर किसी पंचायत का सरपंच कोई गड़बड़ करता है तो उसके विरोध में चुनाव लड़ने वाले लोग सक्रिय हो जाते हैं यही वजह है कि इस समय हो रहे कामों में गुणवत्ता पहले से अधिक है, तथा सही काम हो रहे हैं। भविष्य के लिए हमारी योजना है कि भोपाल अब हमेशा नंबर वन बना रहे क्योंकि भोपाल पहली बार ग्रामीण विकास के क्षेत्र में प्रथम आया है। हम सारी बातें कलेक्टर साहब को बताते हैं जिसके बाद वह हमको मार्गदर्शन देते हैं और उस पर हम काम करते हैं। एक कारण और भी है की लॉक डाउन के समय गांव से लोग शहरों की तरफ नहीं गए, जिसकी वजह से गांव के लोग गांव में ही रुके जिससे नरेगा की मजदूरी बढ़ गई, हमनें जो काम दिया निचले स्तर पर वह काम पंचायतों ने कर दिया।

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