कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में पाक मुख्य मुद्दों का समाधान करने में विफल : विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली। भारत ने कहा कि कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में पाकिस्तान मुख्य मुद्दों का समाधान करने में विफल रहा है और उसने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेशानुसार ‘निर्बाध, बिना शर्त और बेरोक-टोक’ राजनयिक पहुंच देने के लिए दबाव बनाया। पाकिस्तान की एक अदालत जाधव की मौत की सजा के खिलाफ समीक्षा याचिका पर सुनवाई करने की प्रक्रिया में है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने भारतीय नागरिक और नौसेना से अवकाश प्राप्त 50 वर्षीय जाधव को जासूसी के आरोप में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) में अपील की और जुलाई 2019 के उसके निर्देश पर मामले में समीक्षा याचिका पर सुनवाई हो रही है। भारत अदालत में जाधव के मामले की पैरवी करने के लिए भारतीय वकील की नियुक्ति और 2019 के आइसीजे के फैसले के अनुसार उन तक निर्बाध राजनयिक पहुंच के लिए दबाव बना रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘पाकिस्तान इस मामले से जुड़े मुख्य मुद्दों पर प्रतिक्रिया देने में असफल रहा है और इसमें मुख्य मुद्दे हैं- मामले से जुड़े सभी दस्तावेज और उन तक निर्बाध, बिना शर्त और बेरोक-टोक राजनयिक पहुंच प्रदान करना।’गौरतलब है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट को सूचित किया कि भारत इस मुकदमे में जाधव की पैरवी करने के लिए वकील नियुक्त करने में असफल रहा है, श्रीवास्तव से इसी संबंध में सवाल किया गया था। श्रीवास्तव ने कहा, ‘आइसीजे के आदेश के अनुसार अगर हमें प्रभावी समीक्षा और पुन:विचार करना है तो मुख्य मुद्दों का समाधान आवश्यक है। पाकिस्तान मुख्य मुद्दों के समाधान की अपनी मंशा का प्रदर्शन करे।’
अनुराग श्रीवास्तव ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने अफगान शांति प्रक्रिया और दोहा में चल रही वार्ता पर पीएम मोदी को जानकारी दी। पीएम ने अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए हमारी प्रतिबद्धता दोहराई और वहां स्थायी संघर्ष विराम के प्रयासों का स्वागत किया। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और अफगानिस्तान के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करने के लिए भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
अमेरिका के साथ टू प्लस टू बैठक को लेकर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस साल के अंत में 2 + 2 मंत्रिस्तरीय बैठक निर्धारित है। हम पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीखों पर काम करने की प्रक्रिया में हैं।
उन्होंने कहा कि एक निर्माण कंपनी में काम करने वाले 7 भारतीयों को 14 सितंबर को लीबिया में अपहरण कर लिया गया था। ट्यूनीशिया में हमारे दूतावास ने लीबिया सरकार और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से संपर्क किया है और इन भारतीयों की रिहाई के लिए काम कर रहे हैं। हमें सूचित किया गया है कि वे सुरक्षित हैं।
विजय माल्या को लेकर उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण आदेशों के खिलाफ विजय माल्या की अपील को खारिज करने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की कोशिश की, जिसे भी खारिज कर दिया गया। उनकी सभी अपील समाप्त हो रही हैं। हम यूके सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं। हमें बताया गया है कि एक कानूनी मामले को सुलझाना होगा, जिसके बिना उसे प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता।
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