आसियान-एससीओ सम्मेलनों के केंद्र में हिंद-प्रशांत का विषय, रूस ने जताई चिंता
नई दिल्ली। विभिन्न समूहों के सम्मेलनों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र ने एक बार फिर केंद्रीय स्थान ले लिया है। 10 नवंबर को रूस की अध्यक्षता में हुई शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) के शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक और 12 नवंबर को वियतनाम की अध्यक्षता में हुए भारत-आसियान सम्मेलन (India-ASEAN Summit) की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र ही था। 17 नवंबर को होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में भी इसी के वार्ता के केंद्र में रहने की संभावना है।
पत्रकारों से बातचीत में रूसी दूतावास में डिप्टी चीफ आफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने विभिन्न समूहों और उनकी नीतियों के प्रति चिंता व्यक्त की। ज्यादातर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों द्वारा स्थापित नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था के बारे में बात करते हुए बाबुश्किन ने रासायनिक हथियार निषेध और विश्व स्वास्थ्य संगठन का उदाहरण दिया जहां ऐसे नियमों का इस्तेमाल इन संस्थानों की गतिविधियों के राजनीतिकरण के लिए किया गया।
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