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रूस ने दुनिया को दिखाई परमाणु हमले की ताकत, ‘व्लादिमीर’ से दागीं महाविनाशक मिसाइलें

चीन जैसे देश की प्रभुत्व कायम करने की होड़ को पीछे छोड़ते हुए रूस ने जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन कर दुनिया को हैरान कर डाला है। रूस ने न सिर्फ परमाणु हमला करने की अपनी पूरी ताकत दुनिया को दिखाई बल्कि सैन्य अभ्यास दौरान पनडुब्बियों, जमीन के नीचे बने अड्डों और एयरक्राफ्ट से मिसाइलों की बारिश कर डाली। रूस ने इन दिनों दुनिया को अपने महाशक्तिशाली हथियार दिखाने का सिलसिला छेड़ रखा है। एक के बाद एक मॉस्को अपने हथियारों का परीक्षण कर रहा है।

पनडुब्बी व्लादिमीर मोनोमाख की दिखाई ताकत 
मिसाइलों और बमवर्षक विमानों के जखीरे के साथ-साथ रूस ने परमाणु पनडुब्बी व्लादिमीर मोनोमाख की ताकत भी दिखाई है। इस पनडुब्बी से रूसी SSBN ने सी ऑफ ऑखोत्स्क से अपनी चार मिसाइलें टेस्ट-लॉन्च कीं। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के चीफ हान्स क्रिस्टेनसेन के मुताबिक ये मिसाइलें 24 शहरों को उड़ाने की ताकत रखती हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक लॉन्च से पता चलता है कि उसके बेड़े की जंगी तैयारी पूरी है। बैरंट्स सी से ICBM (इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल), SLBM (सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल) और क्रूज मिसाइलें भी इस सालाना अभ्यास का हिस्सा रहीं।

सिरकॉन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण
रूस के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि व्लादिमीर मोनोमाख से चार बुलावा बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च की गईं। मंत्रालय ने कहा कि सभी मिसाइलों ने अपने निशाने को सफलतापूर्वक भेदा। इस दौरान सबमरीन के क्रू ने प्रफेशनलिज्म और ट्रेनिंग का परिचय दिया। व्लादिमीर मोनोमाख परमाणु पनुब्बियों की चौथी पीढ़ी का हिस्सा है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उत्तरी बेड़े के लड़ाकू जहाज (फ्रिगेट) ने सिरकॉन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान में कहा कि ऐडमिरल गोर्शकोव फ्रिगेट ने वाइट सी से एक सिरकॉन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसने 350 किलोमीटर से अधिक दूरी पर अर्खन्गेल्स्क क्षेत्र के चिजा प्रशिक्षण मैदान में स्थित नौसैनिक लक्ष्य को मार गिराया। 6 अक्टूबर को इसी फ्रिगेट ने पहली बार परीक्षण के लिए एक सिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल दागी थी। मंत्रालय के अनुसार, उसके बाद से सभी परीक्षण सफल रहे हैं।

इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट लॉन्च भी किया
बता दें कि रूस ने हाल के सालों में पश्चिम के साथ बढ़ते टकराव के बीच अपने सैन्य अभ्यास तेज किए हैं। देश के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जिस सैन्य शक्तिप्रदर्शन की कमान संभाली, उसके वीडियो अब शेयर किए जा रहे हैं। रूस ने परमाणु क्षमता वाली मिसाइलें दागी हैं। देश के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इसमें बैरंट्स सी में परमाणु पनडुब्बी करेलिया से इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट लॉन्च भी किया गया। इस दौरान कई लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें लॉन्च की गईं। यूक्रेनका और एंजेल्स एयरफील्ड से बमवर्षक विमानों Tu-160 और Tu-95 से ये मिसाइलें दागी गईं। बताया गया है कि इन्होंने सफलतापूर्वक पेमबॉय ट्रेनिंग ग्राउंड में अपने निशानों को मार गिराया। TASS के मुताबिक ये लॉन्च पुतिन की कमांड में किए गए।

अमेरिका-रूस में New START समझौते को लेकर मतभेद बरकरार
गौरतलब है कि रूस ने यह अभ्यास ऐसे वक्त में किया है जब अमेरिका-रूस आर्म्स कंट्रोल ट्रीटी के खत्म होने में कुछ ही महीने बाकी हैं। मॉस्को और वॉशिंगटन ने इस समझौते के विस्तार पर चर्चा की है लेकिन अभी मतभेद बरकरार हैं।

  • New START समझौता 2010 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और तत्कालानी रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदव के बीच किया गया था।
  • New START समझौते के तहत दोनों देशों को सिर्फ 1,550 परमाणु हथियार तैनात करने और 700 मिसाइलें और बमवर्षक विमान तैनात करने की इजाजत है।
  • दोनों देशों के 1987 इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी से बाहर होने के बाद, सिर्फ New START ही ऐसा समझौता है जो दोनों देशों के बीच कायम है।
  • एक्सपर्ट्स को चिंता है कि अगर यह भी खत्म हो गया तो न सिर्फ दोनों देशों की सेनाओं के अनियंत्रित होने का खतरा होगा बल्कि वैश्विक स्थिरता भी खतरे में आ जाएगी।

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