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जल्द ही बाजार में आएगी गिरावट, अपनाएं यह निवेश रणनीति, होगा मुनाफा

नई दिल्ली। इससे पहले कि हम बाजार की समीक्षा करें, आपको यह जान लेना चाहिए कि हमने क्या हासिल किया है। हमने एसबीआई (SBI) और आईटीसी (ITC) में 149 रुपये पर खरीदारी की थी और अब एसबीआई 272 व आईटीसी 216 रुपये पर आ गया है। इसी तरह इन्फोसिस (Infosys) 525 रुपये से 1166 पर आ गया है। टिस्को (Tisco) 270 रुपये से 622 पर आ गया है। इसके अलावा इंडसइंड 300 से 935 और एक्सिस 270 से 620 पर आ गया है।

संक्षेप में, कोरोना वायरस महामारी के कारण आई गिरावट के बाद 7500 से 13,500 के स्तर तक आई रिकवरी के परिणामस्वरूप निवेशकों ने खूब कमाई की है। हमने हमारे फॉलोअर्स को रिपोर्ट जारी कर बताया था कि वैल्यूएशन पर पहला टार्गेट 10,400 है और हमें इस खरीदारी के अवसर को खोना नहीं चाहिए, जबकि पूरी दुनिया कोरोना के जीडीपी पर प्रभाव और दुष्प्रभाव की गणना करने में व्यस्त थी

हमने अपने टार्गेट्स को 10,400 से 12,400 और फिर 13,500 तक बढ़ाया। सूचकांकों के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर होने से स्वाभाविक रूप से फंसने का डर बहुत अधिक होता है। इसलिए हम बताते हैं कि आगे जाने के लिए किस रणनीति का पालन करना चाहिए। ऐसे कौन से मुद्दे हैं, जो बाजार के समीकरण को बिगाड़ सकते हैं।

हम जीडीपी के मूल्य आय अनुपात और बाजार पूंजीकरण के साथ समीकरण के बारे में पहले ही बता चुके हैं। मूल्य आय अनुपात (Price earnings ratio) के हिसाब से देखें तो अभी बढ़ोत्तरी की कुछ गुंजाइश है। वहीं, बाजार पूंजीकरण और जीडीपी के अनुपात के हिसाब से अभी बढ़ोत्तरी के लिए काफी बड़ा स्कोप है। हमने तीसरे पहलू पर भी चर्चा की है, जो तरलता है और इसमें कमी नहीं आ रही है। यह सबसे बड़ा कारक है और इसलिए जब तक तरलता का प्रवाह जारी रहेगा बाजार में तेजी बनी रहेगी।

कैलेंडर वर्ष 2020 में एफपीआई 1.41 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध खरीद कर चुकी है, जो 1991 के बाद के सुधारों के बाद सबसे अधिक है। नवंबर महीने में 60,000 करोड़ रुपये का सर्वाधिक मासिक इनफ्लो हुआ है। दिसंबर में अभी तक हम 33000 करोड़ रुपये का इनफ्लो देख चुके हैं और अभी आधा महीना भी पूरा नहीं हुआ है। यदि यह प्रवाह जारी रहता है और नवंबर महीने के 60000 करोड़ के स्तर को पार कर जाता है, तो कोई भी ऐसा नहीं है जो निफ्टी को दिसंबर में ही 14000 के पार जाने से रोक सकता है।

अब आंकड़ों का विश्लेषण करते हैं और जानते हैं कि मार्च और अप्रैल 2020 में 69,000 करोड़ रुपये की बिकवाली के बाद खरीदारी का आंकड़ा कितना है। यह आंकड़ा 1,9,6543 करोड़ का है। यह काफी बड़ा है और अभूतपूर्व है। यही कारण है कि 1991 के बाद की सबसे बड़ी उछाल देखने को मिली है। 1,9,6543 करोड़ (26.5 बिलियन डॉलर) का आंकड़ा 6000 अंकों की उछाल में परिवर्तित हुआ है और अन्य 34 बिलियन डॉलर 2000 से 3000 अंकों का उछाल और ला सकते हैं।

अप्रैल 2020 के करीब हमने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि 13 लाख करोड़ डॉलर के राहत पैकेज में इनफ्लो का भारतीय भाग 60 बिलियन डॉलर है। इसका मतलब है कि अभी तक इसका 50 फीसद भी इनफ्लो नहीं हुआ है। इसलिए, यह मानना कि बाजार का उच्च स्तर आ गया है या यह अपने उच्च स्तर के पास है, मूर्खतापूर्ण दृष्टिकोण है।

हालांकि, ठहराव आ सकता है, कुछ गिरावट भी हो सकती है। बाजार में मुनाफावसूली भी हो सकती है, लेकिन बढ़ोत्तरी जारी रहेगी। उच्च तरलता ग्लोबल डिस्काउंटिंग स्केल्स को बदलेंगी, जिसका हमने पहले अनुमान लगाया था। जीडीपी का बाजार पूंजीकरण और पीई वित्त वर्ष बदलने और जीडीपी में मजबूत रिकवरी के साथ परिवर्तित होंगे। हमने पिछली बार इस अनुपात की गणना 94 फीसद की थी, जब जीडीपी 2.6 लाख करोड़ डॉलर थी। अब हमें विश्वास है कि रिकवरी जीडीपी को 2.9 लाख करोड़ से तीन लाख करोड़ डॉलर तक ले आएगी। अब बड़ी गिरावट को निम्नलिखित कारणों से सुनिश्चित किया जा सकता है। पहला यह कि हम 10800 पर 200 डीएमए को पीछे छोड़ दें, इसलिए ट्रेंड केवल तभी रिवर्स हो सकता है, जब हम 10800 तक तोड़ दें। यह एक BEAR Market है।

राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए सुधार, रिकवरी, कृषि आय, कम कर व्यवस्था, चक्रीय रैली और रोड मैप उछाल के लिए ट्रिगर्स हैं। हमने अप्रैल, 2020 में अनुमान लगाया था कि राजकोषीय घाटा 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा और अब ये रिपोर्ट आ रही है। हम मानते हैं कि हमारे बाजारों को बड़ी गिरावट से बचाने के अंतिम बिंदु DII और लिक्विडिटी है। DII इक्विटी होल्डिंग 112 बिलियन डॉलर है और LIC के पास लगभग 90 बिलियन डॉलर है। हम मानते हैं कि रेडेम्पशन के बाद भी डीआईआई नकदी के ढेर पर बैठा है, जो बड़ी गिरावट की स्थिति में बाजारों को आसानी से सहारा दे सकेगा।

हालांकि, कोई भी बाजार गिरावट के बिना अच्छा नहीं है। इसलिए अगर बुल रन जारी रखना है, तो मार्च जारी होने से पहले 300 से 400 पॉइंट्स अर्थात तीन फीसद की गिरावट जरूरी है। ऐसे में बाजार की स्थिति बहुत स्वस्थ हो जाएगी। वहीं, अगर निफ्टी 14,000 के बाद भी तेजी जारी रखता है, तो गिरावट थोड़ी अधिक 10 से 11 फीसद की होगी। यह उन लोगों के लिए काफी दुखद होगा, जो 13,000 के बाद इस तेजी में जुड़े हैं। जो 7500 से 10,000 के स्तर के करीब जुड़े हैं, वे सहज रहेंगे। इस प्रकार हम स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि आपको 300 से 400 अंक की एक छोटी गिरावट के लिए या निफ्टी के 14,000 के स्तर को पार करने के बाद 1400 अंक की गिरावट के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें इसके अनुरूप ही अपनी रणनीति बनानी चाहिए।

हम बढ़े हुए शेयरों में मुनाफावसूली कर अपने पोर्टफोलियो को बदल सकते हैं और कम कीमत वाले रक्षात्मक शेयरों को चुनना चाहिए।  हमें इस समय कम से कम 50 फीसद नकदी रखनी चाहिए और केवल 50 तक ही निवेश बनाए रखना चाहिए। हमें लीवरेज से बचना चाहिए। हम इस बात से सहमत हैं कि ब्रॉड-बेस्ड उछाल शुरू हो गई है। प्रत्येक ट्रेडर और निवेशक की कमाई शुरू हो गई है। यह वितरण का पहला संकेत है। मुनाफा देखकर ट्रेडर्स और रिटेलर्स अपना आत्म नियंत्रण खो देंगे और अधिक कीमत पर दांव खेलेंगे और एक दिन वे अपने आप को फंसा हुआ पाएंगे।

जब बैंक ऑफ बडौदा, पीएनबी, कर्नाटक बैंक, आईएफसीआई, सेल, जेपी एसोसिएट्स, एचएफसीएल, पीसीजे और Vakrangee जैसे शेयर तेजी से आगे बढ़ने लगते है, तो यह आमतौर पर निवेशकों के रिटर्न का संकेत देता है। दूसरे शब्दों में, बाजार ट्रेडर्स और छोटे निवेशकों को पुरस्कृत करना शुरू कर देता है, जिसके बिना उछाल अर्थहीन है। अब तक हम हेज ट्रेड्स का अनुसरण कर रहे हैं। ज्यादातर समय हमें ट्रेड्स के दोनों तरफ से रिटर्न मिला है। यही कारण था कि हमने शुरुआत में कहा था कि तीन फीसद गिरावट इस समय हेल्दी होनी चाहिए।  इसके अलावा हमें 10 से 11 फीसद गिरावट के लिए तैयार रहना चाहिए। एक तरफ ब्रॉड-बेस्ड उछाल निवेशकों को रिटर्न दिखाती है और दूसरी तरफ बड़े एचएनआई को सुरक्षित रुप से आगे बढ़ाती है। अगर आपके हाथ में नकदी है, तो आपको पर्याप्त मौके मिलेंगे, जो कि सामान्य रूप से रिटेलर्स खो देते हैं, क्योंकि उनका पैसा हमेशा फंसा होता है।

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