बुलेटप्रूफ जैकेट पहने दुश्मन को भी ढेर कर सकती है यह कार्बाइन, ट्रायल में सफल; अब सेना में मिलेगी एंट्री
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित स्माल आर्म्स फैक्ट्री (एसएएफ) में बनी ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन (जेवीपीसी) का यूजर ट्रायल सफल रहा। परीक्षण में दुरुस्त पाए जाने के बाद सेना में इसके इस्तेमाल का रास्ता खुल गया है। जेवीपीसी-5.56 गुणा 30 एमएम इतनी पावरफुल है कि 100 मीटर की मार कर बुलेटप्रूफ जैकेट पहने दुश्मन को भी ढेर कर सकती है। सॉफ्ट आर्मर की 23 लेयर के बुलेटप्रूफ को यह भेदने में सक्षम है।
तीन किलोग्राम से भी कम वजन की यह कार्बाइन साढ़े तीन मिलीमीटर मोटी माइल्ड स्टील को भी 100 मीटर की दूरी से भेद सकती है। जानकारी के मुताबिक प्रोटेक्टिव कार्बाइन ने सात दिसंबर को सभी मापदंडों को पूरा करते हुए सफलतापूर्वक परीक्षणों के अंतिम चरण में प्रवेश किया था। इस कार्बाइन को संयुक्त उपक्रम के तहत बनाया गया है। जनरल सर्विस क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट के सभी मानकों पर जेवीपीसी यूजर ट्रायल में यह शानदार साबित हुई है
सात दिसंबर को हुआ था परीक्षण : ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन का सात दिसंबर को इसका परीक्षण किया गया। इससे पहले यह कार्बाइन गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) के परीक्षण में भी खरी उतर चुकी है। पहले बनने वाली कार्बाइन के मुकाबले यह बहुत एडवांस है। इसे रिसर्च डिफेंस एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन व स्माल आर्म्स फैक्ट्री ने संयुक्त रूप से विकसित किया है, जबकि इसका उत्पादन स्माल आम्र्स फैक्ट्री में हुआ है। इसके लिए कॉटेज अथवा गोली का उत्पादन एम्युनेशन फैक्ट्री खड़की, पुणे में किया जा रहा है।
एक मिनट में निकलेंगी 800 राउंड गोलियां : ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के उप महानिदेशक गगन चतुर्वेदी ने बताया कि हल्की होने के साथ इसकी फायरिंग की क्षमता अधिक है। यह कार्बाइन एक मिनट में 800 राउंड फायर कर सकती है। इसमें 30 राउंड की मैगजीन लगती है जो पूरी तरह स्टील की होती हैं। केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों व राज्य पुलिस संगठनों को यह कार्बाइन दी जा रही है।
लखनऊ डिफेंस एक्स्पो में हुआ था अनावरण : जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन कम रेंज के ऑपरेशंस के लिए एक खास कैलीबर हथियार है। खास बात है कि लगातार गोलीबारी के दौरान इसे आराम से संभाला जा सकता है और केवल एक हाथ से भी फायरिंग की जा सकती है। सेना काफी समय से ऐसी ही कार्बाइन की तलाश कर रही थी।
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