आंध्र प्रदेश में फैली रहस्यमय बीमारी की चल रही जांच प्रगति की CM जगनमोहन रेड्डी ने की समीक्षा
अमरावती। आंध्र प्रदेश के एलुरु में फैली रहस्यमय बीमारी से लोग परेशान है। ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री वाइएस जगनमोहन रेड्डी ने मामले में चल रही जांच की प्रगति की समीक्षा की। शुक्रवार को अमरावती में चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा इस मामले की समीक्षा की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पीने के पानी का अधिक से अधिक बार परीक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने विशेषज्ञों की टीम से परिणामों को बार-बार क्रॉस-चेक करने के लिए कहा ताकि कोई गलती न हो। आगे उन्होंने कहा कि जांच के लिए अभी जो कीटनाशक इस्तेमाल किया जा रहा है, उसका एक महीने तक परीक्षण किया जाना चाहिए। यह पुष्टि की जानी चाहिए कि क्या जल प्रदूषण इस बीमारी का कारण है।
मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से चावल के नमूनों का फिर से परीक्षण करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। रेड्डी ने विशेषज्ञों से चावल के नमूनों का फिर से परीक्षण करने के लिए कह
बता दें कि इस बीमारी की चपेट में आकर आंध्र प्रदेश के 500 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था, जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। इस रहस्यमयी बीमारी ने मेडिकल एक्सपर्ट्स को हैरान कर दिया है, टेस्ट रिपोर्ट्स की शुरुआती विश्लेषण ने कीटनाशकों में पाए जाने वाले रासायनिक पदार्थों की भूमिका को स्थापित किया, जिसकी वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों के विशेषज्ञों की कई टीमें आंध्र प्रदेश के एलुरु शहर में बीमारी के सटीक कारण का पता लगाने के लिए काम कर रही है।वही अधिकारियों ने आशंका जताई है कि इस बीमारी से पीड़ित मरीज़ों के शरीर में लेड और निकेल धातु मिली है। ऐसी आशंका है कि इसी वजह से यह बीमारी फैली है। अधिकारियों ने कहा कि अब इस बीमारी से ग्रस्त होने वाले मरीज़ों की संख्या में कमी आ रही है।
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