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दुनिया को वैक्सीन के साथ-साथ वितरण के लिए फुलप्रूफ प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराएगा भारत

नई दिल्ली। कोरोना से बचाव के दुनिया को वैक्सीन उपलब्ध कराने के साथ-साथ भारत उनका सुचारू वितरण सुनिश्चित करने के लिए को-विन (कोरोना वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराएगा। को-विन प्लेटफार्म की मदद से वैक्सीन के कंपनी से निकलने से लेकर व्यक्ति को लगने तक लगातार नजर रखी जा सकेगी। यहां तक कि यह प्लेटफार्म किसी इलाके में वैक्सीन की जरूरत और उपलब्धता के साथ-साथ उसे लेने वाले व्यक्ति की भी पूरी जानकारी उपलब्ध कराएगा। वैक्सीन को लेकर भारत पर दुनिया के भरोसे को इस बात से भी समझा जा सकता है कि दुनिया के 60 से अधिक देशों के राजनयिकों ने हैदराबाद में कोरोना का वैक्सीन बनाने वाली दो कंपनियों का दौरा किया। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कोरोना की वैक्सीन की उपलब्धता के साथ-साथ उन्हें सुरक्षित लोगों तक पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है और को-विन उसका सबसे बेहतर समाधान उपलब्ध कराता है।

वैक्सीन के साथ-साथ को-विन प्लेटफार्म में रूचि दिखा रहे हैं कई देश 

इससे वैक्सीन के उत्पादन से लेकर वितरण तक पूरी नजर रखी जा सकती है। इससे किसी इलाके में वैक्सीन की कमी या अधिकता की समस्या भी नहीं आती है। यही कारण है कि कई देशों ने वैक्सीन के साथ-साथ को-विन में दिलचस्पी दिखाई है और इस पर बातचीत चल रही है। दरअसल, इस प्लेटफार्म की मदद से वैक्सीन के पूरे कोल्ड चैन के तापमान पर आसानी से नजर रखी जा सकती है, जिससे वैक्सीन की डिलीवरी के दौरान कोल्ड चैन के टूटने की आशंका लगभग खत्म हो जाती है। वैक्सीन की डिलीवरी में कोल्ड चैन को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। वैक्सीन वितरण में ई-विन (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) एक जांचा-परखा प्लेटफार्म है, जिसका इस्तेमाल भारत में हर साल करोड़ों बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए किया जाता है। कोरोना महामारी में बड़े पैमाने पर वैक्सीन लगाने की जरूरत को देखते हुए ई-विन को ही को-विन में तब्दील कर दिया गया है।

को-विन की मदद से वैक्सीन वितरण के हर चरण पर रखी जा सकेगी पूरी नजर

पिछले महीने 190 से अधिक विदेशी राजनयिकों और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को विदेश मंत्रालय की ओर से भारत में वैक्सीन को लेकर की जा रही तैयारियों के बारे में बताया गया था। इनमें भारत में वैक्सीन के चल रहे ट्रायल और उनकी उत्पादन क्षमता के साथ ही उन्हें अंतिम व्यक्ति तक सुरक्षित पहुंचाना सुनिश्चित करने वाला को-विन भी शामिल था। इसके साथ ही कई देशों के साथ भारत वैक्सीन आपूर्ति को लेकर द्विपक्षीय बातचीत चल रही है।

60 से अधिक देशों के राजनयिकों के हैदराबाद दौरे को वैक्सीन को लेकर चल रही इसी कूटनीति का परिणाम माना जा रहा है। राजनयिकों को हैदराबाद में भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई कंपनी के परिसर घुमाया गया। भारत बायोटेक का टीका को-वैक्सीन ट्रायल के तीसरे फेज के एडवांस स्टेज में है और इसके इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए इजाजत भी मांगी है। वहीं बायोलॉजिकल ई कंपनी का टीके का फेज एक और दो का ट्रायल एकसाथ चल रहा है।

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