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रेत खनन पर गुंडा टैक्स वसूली मामले में हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगी प्रोग्रैस रिपोर्ट

चंडीगढ़: रोपड़ जिले में रेत खनन माफिया द्वारा गैर-कानूनी तरीके से रॉयल्टी वसूलने (गुंडा टैक्स) के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट और भी सख्त हो गया है। हाईकोर्ट में ताजा सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार को मामले में की गई कार्रवाई व गुंडा टैक्स वसूली के लिए नाके लगाने में सहयोग देने वाले अधिकारियों पर की गई कार्रवाई संबंधी प्रोग्रैस रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही सी.बी.आई. को फिलहाल मामले में जांच आगे बढ़ाने से रोक दिया है।

हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से नया शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। इसमें विस्तृत तरीके से यह बताना होगा कि 29 अक्तूबर, 2020 को दाखिल किए गए शपथपत्र के मुताबिक अवैध नाकों व गुंडा टैक्स वसूली में कौन लोग शामिल थे और उनके ऊपर कौन लोग या ठेकेदार थे। साथ ही यह भी बताया जाए कि राज्य सरकार उक्त व्यक्तियों के खिलाफ कौन से प्रावधानों के अधीन कार्रवाई करने के बारे में विचार कर रही है।

हाईकोर्ट द्वारा यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि उक्त मामले में गुंडा टैक्स वसूली में सहयोग देने वाले सरकारी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई है, क्योंकि अब तक जो जानकारी दी गई है, वह महज आईवॉश है।
हाईकोर्ट द्वारा सरकार से यह भी बताने को कहा है कि क्या माइन्स एंड मिनरलस (रैगुलेशन एंड डिवैल्पमैंट) एक्ट 1957, पंजाब माइनर मिनरलस रूल्स 2013 या किसी अन्य नियम-कानून के तहत ऐसा कोई प्रावधान मौजूद है, जिसके तहत अवैध नाके, गुंडा टैक्स वसूली या रॉयलटी वसूलने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान हो।

इसके साथ ही हाईकोर्ट द्वारा यह भी बताने को कहा गया है कि क्या पंजाब सरकार द्वारा ऐसा कोई सिस्टम बनाया गया है, जिसके तहत कोई व्यक्ति ऐसे अवैध नाके, गुंडा टैक्स वसूली या फिर अवैध खनन संबंधी शिकायत कर सकता हो।

दो एजैंसियों की वजह से सी.बी.आई. की जांच पर रोक
हाईकोर्ट द्वारा कहा गया कि क्योंकि राज्य सरकार द्वारा कानूनी व विभागीय कार्रवाई शुरू किए जाने के बाद दो जांच एजैंसियों से एक ही मसले पर जांच करवाना वाजिब नहीं है। इसलिए हाईकोर्ट द्वारा सी.बी.आई. को फिलहाल इस मामले में अगले आदेश तक जांच आगे बढ़ाने से रोक दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 17 दिसम्बर 2020 को रखी गई है।

बचित्तर सिंह ने दायर की थी याचिका
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में बचित्तर सिंह बनाम पंजाब सरकार मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस जसवंत सिंह व जस्टिस अशोक कुमार वर्मा की बैंच ने पंजाब सरकार द्वारा 1 दिसम्बर 2020 को अदालत में दाखिल किए गए शपथ पत्र को और विस्तृत तरीके से दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि दाखिल किए गए शपथपत्र में यह जरूर बताया गया है कि गैर-कानूनी खनन के मामले में चार एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं, लेकिन इससे मामले के संबंध में सी.जे.एम.-डी.एल.एस.ए. द्वारा गुंडा टैक्स वसूली व अवैध नाकों संबंधी दी गई रिपोर्ट संबंधी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।

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