ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

कृषि मंत्री से बोले किसान-आप भी आएं धरने वाली जगह, चाय-पकौड़े और जलेबी का साथ में लेंगे लुत्फ

किसान संगठनों के नेताओें ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को उनके धरना स्थल पर चल रहे लंगर में ‘जलेबी, चाय-पकौड़े’ का स्वाद लेने के लिए आमंत्रित किया। किसानों का कहना है कि मंत्री वहीं आकर उनके साथ बातचीत करें। तीन नए कृषि कानूनों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार के साथ हुई मैराथन बैठक के बीच विराम के दौरान मंत्री ने उन्हें चाय पीने का आग्रह किया था। इसके बाद किसान नेताओं ने उन्हें यह न्यौता दिया।

बता दें कि सरकार ने सितंबर में तीन नए कृषि कानून पारित किए थे, जिसके विरोध में बड़ी संख्या में किसान सड़कों पर हैं। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों को रोके जाने के बाद उन्होंने वहीं डेरा जमाया है। खाने-पीने के लिए वहां लंगर का इंतजाम भी है। जम्हूरी किसान सभा के कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि तोमर साहब ने हमें बैठक के बीच में चाय पीने का आग्रह किया था। अब बदले में हम तोमर साहब को हमारे विरोध प्रदर्शन स्थल पर आकर चाय पीने का न्यौता दे रहे हैं। इतना ही नहीं लंगर पर उन्हें साथ में जलेबी और पकौड़ा भी खिलाया जाएगा। उनके इतना कहते ही वहां आस-पास खड़े लोगों के चेहरे पर मुस्कान खिल गई।

संधू ने कहा कि किसान संगठनों के नेता विराम की अवधि का उपयोग सरकार के समिति बनाने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए करना चाहते हैं। बैठक के दौरान सरकार ने नए कृषि कानूनों पर किसानों की आपत्तियों पर विचार करने के लिए समिति बनाने का सुझाव दिया है, लेकिन प्रदर्शन कर रहे 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने इसे खारिज कर दिया। तीन केंद्रीय नेताओं के साथ हई यह मैराथन बैठक बेनतीजा रही। सरकार ने अगले दौर की बैठक तीन दिसंबर को बुलाई है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.