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संघर्षों से गुजर कर पाया मुकाम, अब अपने इस काम के चलते चर्चा में आईं IPS अंकिता शर्मा

रायपुर। अक्सर यह कहा जाता है कि जो संघर्ष के दौर से गुजरकर आगे बढ़ते और मंजिल हासिल करते हैं, उन्हें दूसरों की मेहनत की कद्र होती है। उनमें उन लोगों के प्रति संवेदना ज्यादा गहरी होती है, जो संघर्ष कर परिस्थितयों का रुख मोड़ना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बतौर नगर पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात आईपीएस अंकिता शर्मा ने भी अपने शुरूआती दिनों में कड़े संघर्ष देखे। इन संघर्षों का सामना करते हुए अपना एक मुकाम हासिल किया और अब उन युवाओं के लिए मददगार बन रही हैं, जिनमें कुछ कर गुजरने की ललक है।

परेशानियां उठा कर हासिल किया मुकाम, अब दूसरों के लिए मददगार बनीं

अंकिता सप्ताह भर अपनी ड्यूटी में व्यस्त रहती हैं और रविवार के दिन एक शिक्षिका की भूमिका में आ जाती हैं। उनका ऑफिस ही उनकी क्लास रूम बन जाता है। यहां सप्ताहांत के दिन करीब 20- 30 ऐसे युवाओं की कतार लगी रहती है, जो राज्य के अलग- अलग हिस्सों से हैं और लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास करने के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं। इनमें से ज्यादातर युवा ऐसे हैं जो दिल्ली या किसी बड़े शहर में किसी महंगे कोचिंग संस्थान की फीस वहन नहीं कर सकते। यह सभी बेहद साधारण परिवारों से हैं, लेकिन इनकी आंखों में असाधारण सपने हैं। आइपीएस अंकिता शर्मा पुलिस विभाग में अपने कर्तव्यों के निवर्हन करने के साथ इन युवाओं के मार्गदर्शन में लगी हुई हैं जो यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

सही रास्ता न मिलने की वजह से दिक्कतें भी आईं

राजधानी रायपुर के आजाद चौक इलाके में नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) पद पर पदस्थ अंकिता बताती हैं कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के एक छोटे से गांव से हैं। अंकिता ने यहां के सरकारी स्कूल से शुरूआती शिक्षा हासिल की। हाईस्कूल के दौरान अंकिता को यह पता चला की जिले के सर्वोच्छ प्रशासनिक और पुलिस के पदों पर पहुंचने के लिए यूपीएससी की तैयारी करनी होती है, लेकिन इस विषय में उन्हें इससे ज्यादा मार्गदर्शन देने के लिए कोई नहीं था। अंकिता आगे बताती हैं कि मन में इस पद तक पहुंचने की ललक उसी वक्त पैदा हो गई थी, लेकिन सही रास्ता न मिलने की वजह से दिक्कतें भी आईं। इसके बाद अपने आप रास्ते बनने लगे।

अपराध पर भी पाया नियंत्रण

अंकिता शर्मा रायपुर में लगातार हो रहे क्राइम को कंट्रोल में काम कर रही हैं। अंकिता शर्मा कहती हैं कि जिस तरह से वे तमाम कठिनाइयों के बाद आइपीएस की परीक्षा में पास हो कर चयनित हुई हैं, वो परेशानी कोई और न उठाए। अंकिता ने बताया कि जब वह तैयारी कर रहीं थी तो उनका मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं था, वे अपने तजुर्बे से अगर किसी की मदद कर सकती हैं तो वे जरूर करना चाहती हैं।

अंकिता शर्मा ने बताया कि उन्हें यूपीएससी की पढ़ाई या आईपीएस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, इस वजह से यूपीएससी की तैयारी करते समय उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसलिए वे अब कोशिश कर रही हैं कि उन्हें जितनी परेशानी हुई है, आगे किसी और को ना हो। इस वजह से वे यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों की हफ्ते में एक दिन क्लास लेकर उनकी मदद कर रही हैं।

ऐसे शुरू हुई पहल

अंकिता बताती हैं कि उन्हें अपनी परीक्षा की तैयारी के दौर की बातें याद आती हैं। उस दौरान वे इस बात को लेकर काफी परेशान रहीं कि उन्हें परीक्षा की तैयारी किस तरह से करनी है, इसका सही मार्गदर्शन मिले। जब अंकिता खुद परीक्षा के दौर से गुजरीं और सफल हुईं तो उन्हें महसूस हुआ कि अभी बहुत से युवाओं को इसी तरह के मार्गदर्शन की जरूरत है। इसके बाद उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में एक पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि जो युवा यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं अगर उन्हें किसी सहायता की जरूरत पड़े तो वे रविवार सुबह 11 से दोपहर 1 के बीच आजाद चौक थाना में मिल सकते हैं। इस मैसेज के बाद उन्हें लगातार परीक्षार्थियों के फोन आने लगे और इसके बाद उनकी सप्ताहांत कक्षा की शुरूआत हुई।

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