ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

अर्नब गोस्वामी को अंतरिम बेल देने के कारणों को आज स्पष्ट करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। टेलीविजन पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसावे के वर्ष 2018 के एक मामले में अग्रिम जमानत देने एक पखवाड़े के बाद इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को विस्तार से कारण स्पष्ट करेगा। विगत 11 नवंबर को सर्वोच्च अदालत गोस्वामी को अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि अगर उनकी निजी स्वतंत्रता को बाधित किया गया तो यह अन्याय होगा।

जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ शुक्रवार को अपने दिए फैसले पर सफाई देगी। ऐसा होना अपने आप में दुलर्भ है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने 11 नवंबर को अर्नब गोस्वामी को जमानत मंजूर करते हुए इस बात पर चिंता जताई थी कि राज्य सरकार कुछ लोगों को सिर्फ इस आधार पर कैसे निशाना बना सकती है कि वह उसके आदर्शो या राय से सहमत नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि वह इस मामले में वकीलों की राय बाद में लेंगे कि नागरिकों की आजादी की सुरक्षा किस तरह से हो। यह फैसला सुनाते हुए तब सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में दो अन्य नीतीश सारदा और फिरोज मुहम्मद शेख को भी पचास-पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। जमानत देते हुए जस्टिस ने कहा कि अगर राज्य सरकारें लोगों को निशाना बनाती हैं तो उन्हें इस बात का अहसास होना चाहिए कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक सर्वोच्च अदालत है।

खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि हम यह मानते हैं कि हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज करके गलत किया। इसलिए हम आदेश देते हैं कि अर्नब मनोरंजन गोस्वामी, फिरोज मुहम्मद शेख और नीतीश सारदा को अंतरिम जमानत पर तत्काल छोड़ दिया जाए। कोर्ट ने आरोपितों को भी निर्देशित किया कि वह केस की जांच में सहयोग करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.