ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

नगा मुद्दे पर बातचीत के लिए मणिपुर का जल्द दौरा करेंगे अमित शाह

इंफाल। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नगा मुद्दे पर विभिन्न पक्षों से बातचीत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इसी माह मणिपुर का दौरा करने की संभावना है। नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के एक अधिकारी ने बताया कि शाह के दौरे की भूमिका बनाने के लिए असम के वित्त और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा तीन दिन पहले अचानक कोहिमा पहुंचे और मुख्यमंत्री से बंद कमरे में लंबी बैठक की।

सरमा ने हालांकि नगालैंड के मुख्यमंत्री के साथ हुई बातचीत के बारे में कुछ नहीं बताया, लेकिन उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि शाह ने उन्हें नगा मुद्दे को लेकर हालात का जायजा लेने की जिम्मेदारी दी है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इंफाल में गृह मंत्री के दौरे की पुष्टि करते हुए कहा कि शाह ने नगा मुद्दे पर बातचीत के लिए निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और सिविल सोसायटी के सदस्यों समेत अन्य पक्षों से मिलने की इच्छा जताई है।

सात दशक से चुनौती बना हुआ है नगा अलगाववाद 

गौरतलब है कि पिछले सात दशकों से नगा अलगाववाद का मुद्दा भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए चुनौती रहा है। केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए कई दांव आजमाये। सरकार ने कभी सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम के प्रावधानों को आजमाया तो कभी नगा विद्रोही गुटों एनएससीएन (आइएम) और एनएससीएन (खापलांग) को प्रतिबंधित समूह घोषित किया।

1980 में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (आइएम) नामक हिंसक अलगाववादी गुट का गठन होने से नगा आंदोलन को नई ऊर्जा मिली। इस गुट के प्रमुख नेताओं में आइजक और मुइवा शामिल थे। इसने नगा विद्रोहियों की पुरानी मांगों को पुनर्जीवित किया। आगे चलकर एनएससीएन खापलांग) का नगा विद्रोही गुट के रूप में 1988 में गठन हुआ। इसके बाद इस गुट ने 1975 के शिलांग एकॉर्ड को नामंजूर कर दिया। इससे उत्तर पूर्वी भारत में फिर से अशांति को बढ़ावा मिला।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.