ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता तक पहुंचाने वाले कद्दावर मंत्री शुभेंदु के बदले तेवर

[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="खबर सुनें "]

कोलकाता। बंगाल की शेरनी यानी तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले उनके कद्दावर मंत्री शुभेंदु अधिकारी इन दिनों खासी चर्चा में हैं। कयास लगाया जा रहा है कि ममता बनर्जी के दाहिने हाथ कहे जाने वाले शुभेंदु अधिकारी कभी भी पार्टी से अलग हो सकते हैं। दरअसल वह पिछले कई माह से पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे हैं।

शुभेंदु की नाराजगी की वजह यह है कि ममता पार्टी के दूसरे नेताओं की तुलना में अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को अधिक अहमियत दे रही हैं और अघोषित रूप से उन्हें अपना उत्तराधिकारी बना चुकी हैं। शुभेंदु जैसे कद्दावर नेता इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है। एक तरह से कहें तो यह उन्हें नागवार गुजरा है। हालांकि अभी तक शुभेंदु ने ममता बनर्जी अथवा पार्टी के खिलाफ खुल कर कुछ नहीं कहा है लेकिन तृणमूल के अंदर वह लगातार निशाने पर रहे हैं।

नंदीग्राम भूमि आंदोलन का श्रेय शुभेंदु के खाते में : शुभेंदु अधिकारी बंगाल में पूर्व मेदिनीपुर जिले के उस नंदीग्राम भूमि आंदोलन के पोस्टर ब्वॉय थे जिसने वर्ष 2011 में ममता बनर्जी को सत्ता तक पहुंचाया। दरअसल वर्ष 2007 में तत्कालीन वाममोर्चा सरकार ने इंडोनेशिया के सलीम समूह को रासायनिक हब बनाने के लिए नंदीग्राम में जमीन देने की बात की थी, जिसका ग्रामीणों ने तगड़ा विरोध किया था। इस दौरान पुलिस की फायरिंग में 14 ग्रामीणों की मौत हो गई थी । इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना के विरोध में जबरदस्त नंदीग्राम आंदोलन किया था । हकीकत में इस आंदोलन की सफलता का श्रेय अधिकारी परिवार को जाता है। एक तरह से कहें तो इस आंदोलन का खाका शुभेंदु ने ही तैयार किया था।

शुभेंदु उस वक्त कांथी दक्षिण सीट से विधायक थे। उन्होंने भूमि उच्छेद प्रतिरोध कमेटी के तहत नंदीग्राम के लोगों को इकट्ठा किया और वाममोर्चा सरकार के खिलाफ भूमि आंदोलन की धार तेज कर दी। शुभेंदु ने माकपा के बाहुबली लक्ष्मण सेठ को हराया था। इसी के साथ जंगल महल क्षेत्र यानी पश्चिम मेदिनीपुर, पुरुलिया और बांकुड़ा जिलों में तृणमूल कांग्रेस के आधार को मजबूत किया। ममता बनर्जी के नेतृत्व में 2007 में हुए इस आंदोलन ने ही बंगाल में दशकों से चले आ रहे वाममोर्चा के शासन को उखाड़ फेंका था।

नंदीग्राम दिवस पर की अलग सभा : शुभेंदु अधिकारी ने पिछले दिनों नंदीग्राम दिवस पर तृणमूल कांग्रेस से अलग रैली भी की थी और मंच से भारत माता की जय के नारे लगाए थे। दक्षिण बंगाल के कई जिलों में इन दिनों आमरा दादार अनुगामी के पोस्टर काफी जगह-जगह देखने को मिल रहे हैं। आमरा दादार अनुगामी यानी हम दादा के अनुयायी है। बताया जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी के समर्थकों ने ये पोस्टर्स लगाए हैं। पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, पश्चिम बर्धमान, नदिया, मुर्शीदाबाद के कई इलाकों में ये पोस्टर लगाए जा रहे हैं। शुभेंदु के समर्थन में लगे पोस्टरों में न तो ममता बनर्जी का नाम है और न ही तृणमूल कांग्रेस का निशान। पोस्टर में हर जगह सिर्फ शुभेंदु अधिकारी की तस्वीर लगी हुई है।

तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर मंत्री हैं शुभेंदु अधिकारी : शुभेंदु अधिकारी इस वक्त बंगाल में परिवहन, सिंचाई और जल संसाधन मंत्री हैं। वह 15 वीं और 16 वीं लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। पूर्व मेदिनीपुर जिले में कांथी से शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी तथा तमलुक से छोटे भाई दिव्येंदु अधिकारी भी सांसद हैं। शिशिर अधिकारी मनमोहन सरकार में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। पश्चिम मेदिनीपुर के साथ बांकुड़ा, पुरुलिया, झारग्राम और वीरभूम जिले के कुछ हिस्सों में 50 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर अधिकारी परिवार का प्रभाव है।

भाज से करीब होने के लगाए जा रहे हैं कयास : कयास है कि शुभेंदु 2021 विधानसभा चुनाव से पहले अपना खुद का संगठन खड़ा कर सकते हैं। इन दिनों वे भाजपा के नजदीक बताए जा रहे हैं। शुभेंदु को पार्टी में शामिल होने के लिए खुला प्रस्ताव भी दे रखा है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि अगर वह भाजपा में शामिल होना चाहते हैं तो हम लोग उस पर विचार करेंगे।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.