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जेल मंत्री ने बताया क्यों मिली थी राम रहीम को पैरोल, एक दिन के लिए बाहर आए थे डेरा प्रमुख

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रोहतक: दुष्कर्म और हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बीती 24 अक्तूबर को एक दिन की पैरोल मिली थी। इस बात की जानकारी खुद जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने दी। उन्होंने बताया कि राम रहीम को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए एक दिन के लिए जेल से बाहर आए थे। वह गुरुगाम के एक अस्पताल में भर्ती हैं।

सुनारिया जेल से गुरुग्राम अस्पताल तक भारी सुरक्षा के बीच राम रहीम को लाया गया था। जेल मंत्री ने बताया कि बेल में एक नियम है कि अगर किसी कैदी को बहुत जरूरी काम के लिए 1 दिन के लिए जेल से बाहर आना पड़े तो उसे इजाजत मिल सकती है। अगर 10 यां 20 दिन के लिए उसे बाहर लाते तो कोर्ट में आवेदन किया जाता। उन्होंसे स्पष्ट कहा कि  राम रहीम के जेल से बाहर आने की मुझे जानकारी थी।

हरियाणा पुलिस की तीन टुकड़ी सुरक्षा में थी तैनात 
राम रहीम की सुरक्षा एवं निगरानी में हरियाणा पुलिस की तीन टुकड़ी तैनात थींं। एक टुकड़ी में 80 से 100 जवान थे। डेरा प्रमुख को जेल से पुलिस की एक गाड़ी में लाया गया, जिसमें पर्दे लगे थे। गुरुग्राम में पुलिस ने अस्पताल के बेसमेंट में गाड़ी पार्क की और जिस फ्लोर में उसकी मां का इलाज चल रहा था, उसे पूरा खाली करा दिया गया। इसके बाद राम रहीम ने अपनी बीमार मां से मुलाकात की।

पत्रकार की हत्या और साध्वियों से रेप मामले में सजा
साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दरअसल, छत्रपति अपने समाचार पत्र में डेरा से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते थे। पत्रकार छत्रपति की हत्या के बाद परिजनों ने मामला दर्ज कराया था और बाद में इसे सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया।  सीबीआई ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था। इससे पहले साल 28 अगस्त 2017 में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने दो महिलाओं के साथ रेप के मामले में गुरमीत राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी।

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