वर्तमान एवं पूर्व विधायक की राजनीतिक ताकत को आजमा रहीं प्लूरल्स की पुष्पम प्रिया
मधुबनी। बिस्फी विधानसभा में इस बार 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहां से राजद ने एक बार फिर वर्तमान विधायक डॉ. फैयाज अहमद पर भरोसा जताते हुए उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि, भाजपा ने पूर्व विधायक हरिभूषण ठाकुर बचोल को चुनाव मैदान में उतारा है। हरिभूषण ठाकुर बचोल 2005 में हुए दोनों विधान सभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर चौंकाने वाला परिणाम दे चुके हैं। चुनाव लडऩे से पहले ये भाजपा में थे। निर्दलीय चुनाव लड़कर चुनाव जीत गए थे। बाद में ये जदयू के टिकट पर भी चुनाव लड़े थे, लेकिन पराजित हो गए थे। बाद में ये फिर भाजपा में शामिल हो गए।
इस बार ये भाजपा उम्मीदवार के रुप में राजद उम्मीदवार डॉ. फैयाज अहमद को टक्कर दे रहे हैं। इस चुनाव में इन दोनों उम्मीदवारों की राजनीतिक किस्मत दांव पर है। दोनों की राजनीतिक हैसियत की अग्निपरीक्षा होनी है। इस क्षेत्र से भी लोजपा ने अपना उम्मीदवार नहीं दिया है। हालांकि, प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया भी चुनाव मैदान में हैं। सजद-डी से मो. औसाफ चुनाव मैदान में हैं। यहां वोटों के ध्रुवीकरण पर ही चुनाव परिणाम निर्भर करेगा। बहरहाल राजद एवं भाजपा के बीच ही सीधा मुकाबला माना जा रहा है। यहां मतदान की प्रक्रिया जारी है। सुबह ग्यारह बजे तक यहां 23.1% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
2020 के प्रमुख प्रत्याशी :
डॉ. फैयाज अहमद, राजद
हरिभूषण ठाकुर बचोल, भाजपा
पुष्पम प्रिया चौधरी, प्लूरल्स पार्टी
2015 के विजेता उपविजेता और मिले मत :
डॉ. फैयाज अहमद, राजद : 70975 मत
मनोज कुमार, बीएलएसपी : 35650 मत
2010 के विजेता, उपविजेता और मिले मत :
डॉ. फैयाज अहमद, राजद : 47169 मत
हरिभूषण ठाकुर बचोल, जदयू : 37668 मत
2005 के विजेता, उपविजेता और मिले मत :
हरिभूषण ठाकुर बचोल, निर्दलीय : 33772 मत
मो. अहमर, कांग्रेस : 26967 मत
कुल वोटर : 3.24 लाख
पुरुष वोटर : 1.68 लाख
महिला वोटर : 1.55 लाख
ट्रांसजेंडर वोटर : 35
जीत का गणित
इस सीट पर ब्राह्मण वोटरों की संख्या सबसे अधिक है। यदि ब्राह्मण वोट गोलबंद हो गए तो भाजपा की जीत हो सकती है। हालांकि, इस सीट पर मुस्लिम मतदाता भी जीत-हार में निर्णायक साबित होते हैं। इनकी गोलबंदी महागठबंधन को इस सीट पर फायदा पहुंचा सकती है।
प्रमुख मुद्दे
— कवि कोकिल विद्यापति की जन्मस्थली का पर्यटक क्षेत्र के रुप में विकसित नहींं करना।
— बिस्फी को रेल नेटवर्क से नहींं जोडऩा।
–बैंगरा-बिस्फी मुख्य पथ पर पुल का निर्माण नहींं होना।
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