ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

MP विधानसभा उपचुनाव: थम गया चुनाव प्रचार, 28 सीटों पर 3 नवंबर को होगीं वोटिंग

भोपाल: राज्य की 28 सीटों पर 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव का प्रचार थम गया है। उपचुनाव के इस महासंग्राम में कांग्रेस-बीजेपी के साथ सपा, बसपा, निर्दलीय समेत कुल 355 उम्मीदवार मैदान में अपना भाग्य आजमाएंगे। इनकी राजनीतिक किस्मत का फैसला 10 नंवबर को होगा। रविवार शाम 5 बजे चुनाव प्रचार का समय खत्म हो चुका है। चुनाव में सुरक्षा के लिए मध्य प्रदेश को चुनाव आयोग से 14 कंपनिया मिली है। इन 28 सीटों में से 27 सीटे कांग्रेस की थी जबकि एक सीट आगर मालवा भाजपा की है। इन 28 सीटों में से 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे देने से व 3 सीटे कांग्रेस के 2 व भाजपा के 1 विधायक के निधन से खाली हुई हैं। भाजपा ने 25 सीटों पर उन कांग्रेस के पुराने नेताओं को उम्मीदवार बनाया है जो कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे।

सिंधिया समेत 22 विधायक हुए थे कांग्रेस में शामिल
2018 में 15 साल बाद चुनाव जीत कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के 22 विधायकों ने कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। जिस वजह से तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी और तत्कालिन सीएम कमलनाथ को 20 मार्च को इस्तीफा देना पड़ा था। उसके बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।नियमानुसार इस्तीफा देने के बाद 22 खाली सीटों पर उपचुनाव होना तय था लेकिन इसी बीच 2 कांग्रेस व 1 बीजेपी विधायक के निधन हो गया जबकि चुनाव आते आते भाजपा के चार और विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी भाजपा में शामिल हो गए। उसमें से 3 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। अगर सत्ता में कब्जे की बात करें तो मध्यप्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों पर वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 88 विधायक है। चार निर्दलीय दो BSP एवं एक सपा के विधायक हैं। भाजपा सत्ता की कुर्सी से महज 9 कदम दूर है जबकि कांग्रेस को 28 सीटों पर जीत हासिल करना बहुत जरुरी है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.