ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

चीन और पाक को घेरने के लिए मिली सामरिक मजबूती, अब सीमाओं पर जल्द पहुंचेंगे टैंक और तोपें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="खबर सुनें "]

नई दिल्ली। पाकिस्तान और चीन से एक साथ दोनों मोर्चों पर निपटने की सेना की तैयारी को सीमा सड़क संगठन मजबूती देने में जुटा है। इसी के चलते सोमवार को लद्दाख में आठ, जम्मू-कश्मीर में 10, हिमाचल में तीन और उत्तराखंड के आठ पुलों का लोकार्पण किया। ये पुल दुश्मन को घेरने में अहम भूमिका निभाएंगे। इन पुलों के रास्ते सेना के टैंक व तोपें सीमा पर एक स्थान से दूसरे पर सुगमता से पहुंच दुश्मन पर त्वरित प्रहार करेंगी।

बेहतर सुविधाओं की नई उम्मीद

इसके साथ ही सीमांत आबादी के लिए भी ये पुल बेहतर सुविधाओं की नई उम्मीद लेकर आए हैं। सीमांत प्रदेशों में बुनियादी ढांचा मजबूत बनाने की मुहिम के तहत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 44 पुलों को देश को समर्पित किया। जम्मू-कश्मीर में बने दस में से सात पुल सीमा और वास्तविक नियंत्रण रेखा से मात्र तीन से आठ किलोमीटर की दूरी पर हैं।

जम्मू-कश्मीर में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 26 नए पुल तैयार

देश के सीमांत प्रदेशों में इस वर्ष बनने वाले 102 बड़े पुलों में से 54 बनकर तैयार हो चुके हैं। पूर्वी लद्दाख के गलवन में चीनी सैनिकों से हिसंक झड़पों के बाद सेना की ऑपरेशनल तैयारियों को तेजी देने के लिए लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 26 नए पुल बन चुके हैं

पंजाब से जम्मू तक बार्डर रोड तैयार

केंद्र सरकार के सीमांत क्षेत्रों में आधारभूत ढांचा विकसित करने की नीति के तहत पंजाब से जम्मू तक पाकिस्तान से लगी सीमा पर बार्डर रोड का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। कठुआ में एक पुल का निर्माण चल रहा है। इस पुल का निर्माण पूरा होने तक पंजाब से लेकर जम्मू के किसी भी सेक्टर तक सुरक्षा बलों की मूवमेंट तेजी से हो सकेगी।

हिमाचल में बने दो पुलों से आसान होगा सफर

बीआरओ दीपक परियोजना के चीफ इंजीनियर एमएस बाघी ने बताया कि हिमाचल में तैयार हुए दो पुलों से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग का सफर और सुगम हो गया है।

दारचा पुल : मनाली-लेह मार्ग पर 10 हजार फीट की ऊंचाई पर दारचा में 360 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया गया है। इस मार्ग पर यह सबसे लंबा पुल है। इसके बनने से अब भागा नदी में आने वाली बाढ़ भी वाहनों की आवाजाही को नहीं रोक पाएगी

पलचान पुल : यह पुल मनाली से अटल टनल के साउथ पोर्टल के रास्ते में पलचान में बनाया गया है। इस पुल के बनने से ब्यास नदी सहित पागल नाले में आने वाली बाढ़ यातायात को प्रभावित नहीं कर पाएगी।

नेपाल और चीन सीमा पर भी सामरिक रूप से मिली मजबूती

उत्तराखंड में बने सामरिक महत्व के आठ पुलों को भी सोमवार को राष्ट्र को समíपत कर दिया। इन पुलों के तैयार होने से चीन सीमा के अग्रिम मोर्च पर तैनात जवानों तक खाद्य सामग्री सहित अन्य सैन्य सजोसामान पहुंचाना आसान हो जाएगा। इनमें से पांच पुल टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर बने हैं। यही मार्ग तवाघाट से गर्बाधार होते हुए चीन सीमा लिपुलेख तक जाता है। तवाघाट से हाईवे सोबला होते हुए उच्च हिमालयी चीन सीमा तिदांग तक जाता है। टनकपुर से तवाघाट व लिपुलेख तक मार्ग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से किया गया है। वहीं, तीन अन्य पुल जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर बने हैं।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.