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हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई कल, कड़ी सुरक्षा में सुबह ही हाथरस से आएगा परिवार

लखनऊ। हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को कथित दुष्कर्म तथा पिटाई के बाद दलित युवती की मौत के मामले की जांच सीबीआइ ने शुरु कर दी है। इसी मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में पीड़ित परिवार के साथ ही हाथरस के डीएम, निलंबित एसपी व सीओ के साथ अन्य अधिकारियों की पेशी होगी। हाथरस जिला प्रशासन कड़ी सुरक्षा में पीड़ित परिवार को ला रहा है। पहले तो इनको रात में ही चलना था, लेकिन परिवार के रात में चलने से इनकार करने के बाद यह लोग सोमवार को सुबह चलकर दिन में लखनऊ पहुंचेंगे।

हाथरस के इस चर्चित प्रकरण का हाईकोर्ट ने एक अक्टूबर को खुद नोटिस लिया था। इस प्रकरण में हाथरस के साथ ही उत्तर प्रदेश के शीर्ष अफसरों को तलब किया गया है। कोर्ट ने पीड़ित परिवार को भी बुलाया गया है। पीड़ित परिवार के पांच सदस्यों को लखनऊ आना है। रविवार दोपहर तक उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। ऐसे में परिवार ने रात में लखनऊ जाने से इनकार कर दिया। इनकी सुरक्षा में जाने वाले सभी सिपाहियों की आज कोरोना जांच भी हुई है।

पीड़ित के भाई ने कहा कि रात में हमारे साथ कुछ भी हो सकता है। हमें प्रशासन पर भरोसा नहीं है। अब परिवार कल सुबह लखनऊ रवाना होगा। हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से विनोद शाही पैरवी करेंगे। परिवार के हर सदस्य और गवाहों की सुरक्षा के लिए दो-दो सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। परिवार की महिला सदस्यों के लिए दो-दो महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती की गई है। माना जा रहा है कि लखनऊ में आने पर इस परिवार की मुलाकात भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी कराई जा सकती है।

हाथरस में 14 सितंबर को चार लोगों ने 19 वर्ष की युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसके बाद आरोपियों ने मारपीट में इस युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और गला दबाकर हत्या का प्रयास भी किया। हाथरस के बाद युवती को इलाज के लिए अलीगढ़ के मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। जहां से 28 सितंबर को सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली शिफ्ट किया गया। वहां इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई। पुलिस ने चारों आरोपितों को गिरफतार कर लिया। उत्तर प्रदेश सरकार एसआइटी जांच करा रही है। इसी बीच सीबीआइ जांच भी शुरू हो गई है।

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