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Priest Murder Case: पुजारी के परिजनों को मिलेगा दस लाख रुपये मुआवजा, बेटे को दी जाएगी नौकरी

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 जयुपर। Priest Murder Case: राजस्थान में करौली जिले के बूकना गांव में दबंगों द्वारा मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने के मामले में सरकार ने परिजनों की मांगें मान ली हैं। भाजपा सांसद केएल मीणा के मुताबिक, सरकार ने आश्वासन दिया है कि 10 लाख रुपये की मुआवजा राशि और 1.5 लाख रुपये पीएम आवास योजना के तहत पुजारी के परिवार को दिए जाएंगे। उसके परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। एसएचओ और पटवारी को निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले उपचार के दौरान जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में पुजारी की मौत के बाद उसका शव शुक्रवार देर रात गांव पहुंचा।

शनिवार को मामले ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया। भाजपा के राज्यसभा सदस्य डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और सांसद मनोज रोजोरिया सहित कई नेता गांव में पहुंचे और मृतक पुजारी के परिजनों के साथ धरने पर बैठ गए। आसपास के गांवों के लोग बड़ी संख्या में बूकना गांव पहुंच गए। मृतक के परिजनों व अन्य लोगों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है। एकत्रित हुई भीड़ ने मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजे, एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, पीड़ित परिवार को सुरक्षा व सभी आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग पूरी होने तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करने का एलान कर दिया। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी तरफ से मृतक के परिजनों को एक लाख रुपये की सहायता दी। धरने पर बैठे मृतक के परिजनों व नेताओं से बातचीत के लिए जिला कलेक्टर सिद्घार्थ सिहाग व पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा पहुंचे। दो दौर की बातचीत हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। आखिकार डॉ. मीणा ने सरकार को चेतावानी दी कि यदि शाम तक मांगों पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो जयपुर कूच किया जाएगा। धरने पर बैठे लोगों ने पुलिस व प्रशासन पर शव का अंतिम संस्कार करने को लेकर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने गांव के पटवारी और रिपोर्ट दर्ज करने में देरी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। तनाव बढ़ता देख बड़ी संख्या में पुलिस बल गांव में तैनात किया गया है

पुजारी के परिजनों की तबीयत बिगड़ी

दो दिन से भूखे-प्यासे बैठे रहने के कारण शनिवार को मृतक की पत्नी रामेश्वरी, उसके भतीजे की पत्नी व तीन अन्य लोगों की तबीयत बिगड़ गई। बेहोश होने पर उन्हें सपोटरा अस्पताल में पहुंचाया गया। करौली जिला मुख्यालय से चिकित्सकों की एक टीम बूकना गांव भेजी गई।

मुख्यमंत्री बोले, बख्शे नहीं जाएंगे दोषी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से बात कर हालत की जानकारी ली। उन्होंने भरतपुर के संभागीय आयुक्त व पुलिस महानिरीक्षक को मौके पर जाने के निर्देश दिए। गहलोत ने कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा, जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। पुजारी की हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है। उन्होंने पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि घटना का मुख्य आरोपित गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। मृतक के परिजनों से बातचीत की जा रही है।

भाजपा की टीम पहुंची

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम शनिवार दोपहर बाद गांव में पहुंची। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव अलका सिंह गुर्जर, सांसद रामचरण बोहरा व जितेंद्र मीणा की टीम ने मृतक के परिजनों व ग्रामीणों से बात की। टीम में शामिल नेता धरनास्थल पर बैठे लोगों के साथ बैठ गए और सरकार की तरफ से सकारात्मक कदम नहीं उठाने पर जयपुर कूच करने की बात कही।

जमीन पर कब्जा करना चाहते थे आरोपित 

पुलिस के मुताबिक, पीड़ित ने बताया था कि कैलाश मीणा अपने साथी शंकर, नमो, किशन और रामलखन के साथ मंदिर के पास की जमीन पर कब्जा कर छप्पर डाल रखा था। हमने विरोध किया तो पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हमारा परिवार मंदिर की 15 बीघा जमीन पर खेती कर अपना गुजारा करता है। मृतके के परिजन ललित ने बताया कि बुधवार को आरोपित जमीन पर कब्जा कर रहे थे तो हमने रोका इस पर कैलाश मीणा ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुजारी पर पेट्रोल डाल दिया। देर शाम सपोटरा अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल पहुंचाया गया। शुक्रवार को उपचार के दौरान पुजारी की मौत हो गई।

जानें, क्या है मामला

पुजारी बाबूलाल वैष्णव सपोटरा तहसील के बूकना गांव के पुराने राधाकृष्ण मंदिर में पूजा करते थे। ग्रामीणों ने मंदिर के लिए खेती की जमीन दान दी थी, जो राजस्व रिकॉर्ड में मंदिर माफी में दर्ज है। करीब एक महीने पहले कुछ लोग जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करने लगे, जिनमें पुजारी को जलाने वाले आरोपित शामिल है। पुजारी ने गांव के पंचों से शिकायत की थी। कुछ दिन पहले भी गांव के 100 घरों की बैठक हुई थी, जिसमे पंचों ने पुजारी का समर्थन किया था।

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