ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

Madhya Pradesh: रेत की तरह जिला स्तर पर गौण खनिज खदानें नीलाम करेगी सरकार

भोपाल। कोरोना संकट और उस पर आर्थिक तंगी का सामना कर रही राज्य सरकार को अब जाकर उन 6000 गौण खनिज खदानों की याद आई है, जो सालों से बंद है। शिवराज सरकार ने पिछले कार्यकाल में इन खदानों की नीलामी के नियम बनाने शुरू किए थे, जो अब तक फाइनल नहीं हो पाए हैं। वर्तमान परिस्थितियों में सरकार को इन खदानों से खासी उम्मीदें हैं, इसलिए तेजी से इन खदानों की नीलामी की तैयारी शुरू हो गई है। खनिज विभाग के अधिकारियों को कहा गया है कि वे जल्दी नियम बनाकर नीलामी शुरू करें। खदानें रेत की तरह जिला स्तर पर क्लस्टर बनाकर नीलाम की जाएंगी। इनमें गिट्टी, फर्शी, मुरम सहित अन्य 23 गौण खनिज की खदानें शामिल हैं।

प्रदेश की 6000 गौण खनिज खदानों की नीलामी एक दशक पहले हुई थी। उसके बाद से न नीलामी हुई और न नियम बने। इस बीच वैधानिक रूप से संचालित खदानों से निकले खनिज का भंडार भी खत्म होने को आया है। ऐसे में इन खदानों को फिर से नीलाम किया जाना है। चार साल पहले शिवराज सरकार ने नियम बनाने की प्रक्रिया शुरू की पर नियम फाइनल होते उससे पहले ही प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया और कमल नाथ सरकार आ गई। नाथ सरकार ने यह प्रक्रिया रोक दी थी, जो अब फिर से शुरू की गई है। वहीं जानकार बताते हैं कि भारत सरकार ने गौण खनिज नियमों में संशोधन किया है। राज्य के नियम भी इसी हिसाब से तैयार होने हैं। इस वजह से नियम बनाने में देरी हो रही है।

जिला स्तर पर होंगी खदानें नीलाम

गौण खनिज खदानों की नीलामी भी रेत खदानों की तरह जिला स्तर पर क्लस्टर बनाकर होगी। खनिज विभाग निविदा जारी करेगा और जो ज्यादा बोली लगाएगा, खदान उसकी होगी। अभी तक ठेकेदार सीधे खनिज संचालक को आवेदन करते थे और पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर खदान संबंधित को आवंटित कर दी जाती थी।

30 साल के लिए लीज पर जाएंगी खदानें

सरकार अब लंबी अवधि ([30 साल)] के लिए खदान लीज पर देने का मन बना चुकी है। ये खदानें बल्क में नीलाम होंगी। सरकार को उम्मीद है कि इससे करीब 700 करो़़ड रपये का राजस्व मिलेगा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.