अमेरिका के लुइसविले में नस्लीय हिंसा, फिर गूंजा नो जस्टिस, नो पीस का नारा
लूइसविले। अश्वेत महिला ब्रायो टेलर की हत्या मामला एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है। अमेरिका में अश्वेत आंदोलन फिर तेज हो गया है। अमेरिका में लूइसविले की सड़कों पर सैकड़ों लोगों ने नस्लीय उत्पीड़न को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर से नो जस्टिस, नो पीस का नारा दिया। इसके पूर्व भी नस्लीय विरोधी आंदोलन में यह नारा लगाया गया था। गौरतलब है कि मार्च में टेलर की मौत के बाद से स्थानीय स्तर पर इसका जमकर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जो कि मिनियापोलिस में जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस की गोली से मौत के बाद राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहा है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से अपील की वह मुख्य मार्ग में विरोध प्रदर्शन नहीं करें। रात्रि 9 बजे के बाद ने लाउडस्पीकर से कफ्यू का ऐलान किय। पुलिस ने कहा कि कफ्यू का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा।
ग्रैंड जूरी का फैसला जारी होने के बाद लुइसविले में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। ब्रायो टेलर की हत्या के फैसले के बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान लुइसविले में दो पुलिस अधिकारियों को गोली मारने और घायल करने के आरोप में दोषी नहीं माना गया। उधर, केंटकी के अटॉर्नी जनरल डैनियल कैमरन ने बुधवार को कहा था कि मार्च में ब्रायो टेलर की हत्या के लिए लुइसविले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। टेलर की गोली से हुई मौत में किसी भी अधिकारी पर आरोप नहीं लगने की घोषणा के बाद प्रदर्शनकारियों ने देश भर की सड़कों पर प्रदर्शन किया।
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