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आधी रात तक मासूमों के साथ इंतजार करती रही महिलाएं, नसबंदी करने नहीं आए डॉक्टर

छिंदवाड़ा: मध्यप्रदेश कि शिवराज सरकार एक्शन में नजर आ रही है लेकिन प्रबंधन की लापरवाही के चलते ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामला छिंदवाड़ा जिला अस्पताल से सामने आया है। जहां जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन के लिए शिविर लगाया गया था, इसके लिए मरीजों को सुबह 10:00 बजे बुलाया गया। सुबह 10 से लेकर शाम के सात बज गए, लेकिन डॉक्टर नजर नहीं आया

मरीजों के परिजन का कहना है कि वे सुबह 8 बजे ही अस्पताल पहुंच गए थे। सोचा था कि समय से पहले पहुंच जाएंगे तो जल्दी नंबर आ जाएगा। लेकिन डॉक्टर्स की कोई खबर नहीं है।इंतजार करते-करते शाम हो गई। यहां पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है।

देश भर में ठंड का मौसम चल रहा है। मरीज के परिजनों का कहना है कि दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों से हम आए हैं। रात हो गई है। घर जाने के लिए अब साधन नहीं मिलेगा। कोरोना संक्रमण के चलते वैसे ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट कम ही उपलब्ध है। ऐसे में हमें समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। हम दिन की व्यवस्था से आए थे, अब तो रात हो गई है।

 छिंदवाड़ा विकास मॉडल कहे जाने वाले जिला अस्पताल में अब अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई है। जिसकी कीमत मरीज और परिजनों को चुकानी पड़ रही है। इस हाड़ कपां देने वाली ठंड में लोग बच्चों लेकर काफी चिंतित नजर आए।

उठ रहे सवाल
मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा विकास मॉडल के रूप में जाना जाता है। स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यहां मेडिकल कॉलेज खोला गया है। बावजूद इसके जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन करने लिए जबलपुर से डॉक्टरों की टीम बुलानी पड़ रही है। जो अपने आप में सवाल खड़े कर रहा है।

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