ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

MS Dhoni द्वारा सेट किए गए पैटर्न पर चलकर मिली सफलता, रवींद्र जडेजा ने किया खुलासा

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने तीसरे वनडे मैच में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 50 गेंदों पर नाबाद 66 रन की पारी खेली थी और हार्दिक पांड्या के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए नाबाद 150 रन की साझेदारी की थी। हार्दिक ने भी इस मैच में नाबाद 92 रन बनाए और जडेजा के साथ मिलकर टीम के स्कोर को 302 तक पहुंचाया। इन दोनों की शानदार पारी के दम पर ही टीम इंडिया को आखिरी वनडे मैच में जीत हासिल हुई।

तीसरे वनडे मुकाबले के बाद रवींद्र जडेजा ने बताया कि, एम एस धौनी की वजह से ही वो सीमिति ओवरों के प्रारूप में इस तरह की बल्लेबाजी करने में सक्षम हुए हैं। एक इंटरव्यू के दौरान सहवाग ने जडेजा से पूछा कि क्या वो धौनी की तरह बल्लेबाजी करने की कोशिश कर रहे थे तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, माही भाई ने भारत और चेन्नई के लिए लंबे समय तक खेला है और उन्होंने एक पैटर्न सेट किया। वो किसी भी बल्लेबाज के साथ बल्लेबाजी कर रहे हों पहले उनके साथ पार्टनरशिप बिल्ड करने की कोशिश करते थे और फिर लंबे और बड़े शॉट्स खेलने की कोशिश करते थे।

रवींद्र जडेजा आइपीएल में भी चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा हैं और बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने बताया कि एम एस हमेशा उन्हें सलाह देते थे कि, मैच को हमेशा आखिरी तक ले जाओ और फिर डेथ ओवर्स में गेंदबाजों पर अटैक करो। मैंने धौनी को ऐसी स्थिति में कई बार बल्लेबाजी करते देखा है और उनके साथ खेल भी चुका हू्ं। वो मुझसे हमेशा कहते थे कि मैच को अंत तक ले जाओ और फिर आखिरी के चार या पांच ओवर में काफी रन आ सकते हैं। तीसरे वनडे में भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी और हमने कोशिश की। हम दोनों मैच के दौरान यही बात कर रहे थे कि हम आखिरी के चार-पांच ओवर में चांस ले सकते हैं।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.