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पीएम मोदी ने आयुर्वेद दिवस पर देश को समर्पित किए दो राष्ट्रीय संस्थान, बोले- आयुर्वेद हमारी परंपरा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आयुर्वेद दिवस पर दो आयुर्वेद संस्थानों को समर्पित किया है। प्रधानमंत्री ने गुजरात के जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) का उद्घाटन किया। इस मौके पर बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में आयुर्वेद के महत्व और इसके फायदे को लेकर बात की।

आयुर्वेद हमारी परंपरा- पीएम मोदी

आयुर्वेद दिवस पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुर्वेद के महत्व को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन, पारंपरिक दवाओं पर शोध को मजबूत करने के लिए भारत में पारंपरिक चिकित्सा पर डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर की स्थापना कर रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आयुर्वेद हमारी परंपरा है और कोरोना काल में आयुर्वेद की परंपरा से देश को फायदा मिला। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी काल में हल्दी समेत कई अन्य चीजों ने इम्युनिटी बूस्टर का काम किया है।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि कोरोना काल में आज दुनिया भर में लोग आयुर्वेद को लेकर बात करते रहे हैं, वह इसके बारे में जानना चाहते हैं। आयुर्वेद को लेकर दुनिया में रिसर्च हो रही है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। इसके साथ ही करीब सौ से अधिक जगहों पर आयुर्वेदिक दवाओं को लेकर भी रिसर्च चल रही है।

‘भारत के पास आरोग्य से जुड़ी बड़ी विरासत’

पीएम मोदी ने इस मौके पर भारत के आयुर्वेद के महत्व को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि ये सत्य है कि भारत के पास आरोग्य से जुड़ी कितनी बड़ी विरासत है, लेकिन ये भी उतना ही सही है कि ये ज्ञान ज्यादातर किताबों में, शास्त्रों में रहा है और थोड़ा-बहुत दादी-नानी के नुस्खों में, इस ज्ञान को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार विकसित किया जाना आवश्यक है। पीएम ने कहा कि मुझे भरोसा है कि हमारी कोशिशों से आयुष ही नहीं, बल्कि आरोग्य का हमारा पूरा सिस्टम एक बड़े बदलाव का साक्षी बनेगा।

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि इसी साल संसद के मानसून सत्र में दो ऐतिहासिक आयोग भी बनाए गए हैं – नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन, नेशनल कमीशन फॉर होम्योपैथी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत की मेडिकल एजुकेशन में इंटीग्रेशन की एप्रोच को प्रोत्साहित किया गया है।

दो राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थानों का उद्घाटन

आयुष मंत्रालय के अनुसार, आज उद्घाटन किए गए दोनों ही आयुर्वेद संस्थान देश में आयुर्वेद के प्रतिष्ठित संस्थान हैं। जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान को संसद के कानून के माध्यम से राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई) का दर्जा प्रदान किया गया है, जबकि जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मानद विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है।

आयुष मंत्रालय 2016 से ही धन्वंतरि जयंती के मौके पर हर साल आयुर्वेद दिवस मनाता आ रहा है। इस साल यह 13 नवंबर को है। मंत्रालय के अनुसार, संसद के कानून से हाल ही में बने जामनगर का आईटीआरएस विश्वस्तरीय स्वास्थ्य देखभाल केंद्र के रूप में उभरने वाला है । उसमें 12 विभाग, तीन क्लीनिकल प्रयोगशालाएं और तीन अनुसंधान प्रयोगशालाएं हैं।

यह पारंपरिक दवा के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य में अगुवा भी है, फिलहाल यहां 33 परियोजनाएं चल रही है। आईटीआरए को गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर के चार आयुर्वेदिक संस्थानों को मिलाकर बनाया गया है। यह आयुष के क्षेत्र में पहला संस्थान है जिसे आईएनआई दर्जा प्रदान किया गया।

फिलहाल उसमें 14 विभिन्न विभाग हैं। संस्थान में विद्यार्थी-अध्यापक अनुपात बहुत अच्छा है , 2019-20 में यहां 955 विद्यार्थी और 75 अध्यापक हैं। यहां प्रमाणपत्र से लेकर डॉक्टरेट तक की डिग्रियां दी जाती है। अत्याधुनिक प्रयोगशाला सुविधाओं के साथ एनआईए अनुसंधान गतिविधियों में अग्रणी रहा है।

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