ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

राजनाथ सिंह आज एंटी-सैटेलाइट मिसाइल सिस्टम के मॉडल का करेंगे उद्घाटन, होगी तकनीकी उन्नति

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज दिल्ली में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) मुख्यालय में एंटी-सैटेलाइट मिसाइल सिस्टम के मॉडल का उद्घाटन करेंगे। इस मॉडल को राष्ट्रीय तकनीकी उन्नति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

इसके बाद अब एक बार फिर से एंटी सैटेलाइट मिसाइल सिस्टम फिर से चर्चा में आ गया है। बता दें कि भारत साल 2019 में मिशन शक्ति के तहत सैटेलाइट सिस्टम का सफल परीक्षण भी कर चुका है। यानी इस परीक्षण के बाद अमेरिका और रूस जैसे देशों के क्लबों में शामिल हो गया है। इस मिसाइल के जरिए भारत को यह बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। इस मिसाइल के तहत अंतरिक्ष में मार करने वाले मिसाइल की तकनीक हासिल हो गई है। बता दें कि  इससे पहले यह शक्ति केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास थी।

आज राजनाथ सिंह द्वारा एंटी सैटेलाइट मिसाइल के डिजाइन को पेश किया गया है। यह तकनीकी क्षेत्र में उन्नत विकास को तो दर्शाता ही है साथ ही अगर दुश्मन देशों के लिए चेतावनी है कि अगर वह गलत इरादे कुछ भी करेगा तो उन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा।

बता दें कि इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इससे पहले श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेश सेंटर में शानिवार को अंतरिक्ष यान पीएसलवी-सी-49 लॉन्च किया था। इसके जरिए एक साथ 10 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। इसके जरिए भारत का ईओएस-1 सैटेलाइट सभी मौसम में धरती पर नजर रख पाएगा। इसमें अन्य 9 सेटलाइट दूसरे देशों की है। इस दौरान पीएम मोदी ने इसको और भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र को इसके लिए बधाई दी थी।

गौरतल है कि इसरो का यह 51वां मिशन था। इसके बाद विभिन्न अभियानों के तहत भेजे गए सेटेलाइट की संख्या 328 हो गई है। कोरोना महामारी के कारण पिछले काफी वक्त से सेटेलाइट लांच कार्यक्रम रोक दिया गया था। इससे पहले पिछले साल 11 दिसंबर को आरआइएसएटी-2बीआर1 सेटेलाइट को लांच किया था।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.