कमलनाथ का शिवराज से सवाल, MP में बहन बेटियों के दुष्कर्म पर मौन व्रत क्यों नहीं रखते?
भोपाल: सीएम शिवराज की महिला विकास मंत्री पर विवादित टिप्पणी को लेकर मचे बवाल पर चुप्पी तोड़ते हुए पीसीसी चीफ ने बयान दिया है। उन्होंने सीएम कमलनाथ ने पत्र लिखकर कई सवाल उठाए हैं और साथ ही साथ सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग पर भी पलटवार किया है। नाथ ने कहा कि मेरे बयान को बढ़ाचढ़ा कर पेश किया गया इससे कहीं ज्यादा तो बीजेपी नेता विवादित टिप्पणीयां करते हैं। वहीं उन्होंने सीएम चौहान को पत्र लिख कर चुनावी व्रत से दूरी बनायें रखने की बात भी कही और सवाल किया कि आज तक राज्य की दुष्कर्म पीड़ित बहन बेटियों के लिए व्रत क्यों नहीं रखा ?
नाथ ने कहा है कि आपके द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखा गया एक पत्र मेरी जानकारी में आया है । जिस तरह आप अपनी चुनावी सभा में रोज झूठ परोसते हैं, झूठी घोषणाएं करते हैं, झूठे नारियल फोड़ते है, इतना झूठ बोलते है कि झूठ भी शरमा जाता है, उसी प्रकार इस पत्र में भी आपने झूठ को बढ़-चढ़कर पेश किया है। उन्होंने सारे आरोपों को नकारते हुए कहा कि मैंने डबरा में कोई असम्मानजनक टिप्पणी नहीं की फिर भी आपने झूठ परोस दिया एवं जिस शब्द की ओर आप इंगित कर रहे है, उस शब्द के कई मायने हैं, कई तरह की व्याख्याएं है लेकिन सोच में खोट अनुसार आप और आपकी पार्टी अपनी मनमर्जी की व्याख्या कर झूठ परोसने लगे और जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
प्रदेश की जनता इस सच्चाई को जानती है कि आप ऐन केन प्रकारेण अपनी कुर्सी बचाने के लिए चुनाव को वास्तविक मुद्दों से भटकाकर अनैतिक और पतित भावनात्मक राजनीति की ओर ले जा रहे है । पीसीसी चीफ ने आगे कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि शिवराज में मध्यप्रदेश, बहन-बेटियों से दुष्कर्म, महिलाओं पर अत्याचार और महिला अपराधों में, देश में शीर्ष पर रहा है और इस दौरान ऐसी घटनाओं पर आप अपने दायित्वों का निर्वहन न करते हुये सालों तक मौन रहे हैं। पिछले 7 महीने के कार्यकाल में भी बहन-बेटियों के साथ कई दरिंदगी की घटनाएं हुई लेकिन आप चुप रहे। परन्तु चुनाव जीतने के लिए ‘’ चुनावी मौन व्रत ‘’ रख कर झूठ परोस रहे है ।
साथ ही भारतीय संस्कृति में महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा सर्वोपरि है चाहे वह किसी जाति अथवा धर्म की महिला हो । तो फिर आप हाथरस की घटना, स्वामी चिन्मयानंद की घटना, भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के द्वारा कारित घटनाओं और रीवा जेल में महिला बंदी पर घटित घटनाओं पर मौन और उपवास अवश्य रखते परन्तु आपने पत्र में महिला की जाति का उल्लेख कर अपनी अनैतिक राजनीति की मानसिकता को दिखाया है । सर्व विदित है कि आपका पत्र ‘’ वोट पाने की राजनीति ‘’ से प्रेरित है और आपको महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की कोई चिंता न कभी रही है और ना ही आज कोई चिंता है । आप भले ही ख़ुद को बहन-बेटियों का हितैषी दिखायें, लेकिन सच यह है कि आपकी सरकार में ही प्रदेश की बहन-बेटियां सबसे ज़्यादा असुरक्षित रहीं है और आज भी असुरक्षित है ।
वहीं उन्होंने बीजेपी नेताओं द्वारा दी गई अभद्र टिप्पणियों की चर्चा करते हुए लिखा कि मैंने अपने 40 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में सदैव महिलाओं का सम्मान किया है और मैं सदैव महिलाओं का सम्मान करूंगा परन्तु महिलाओं के सम्मान का दिखावा कर आपकी तरह कुत्सित राजनीति कभी नही करूंगा ।
महिलाओं के संबंध में आज तक मैंने कभी भी, कोई भी अशोभनीय टिप्पणी नहीं की है, जबकि आपकी पार्टी के कई नेता महिलाओं पर अशोभनीय टिप्पणी के आदी है और इसके कई उदाहरण मौजूद है। साथ ही उन्होंने कहा कि वे सीएम से अपेक्षा करते हैं कि शिवराज जी भविष्य में राजनैतिक शुचिता और नैतिकता का वास्तविकता में पालन करेंगे एवं राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए कभी कोई वास्तविक एवं गंभीर प्रयास भी करेंगे।
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