ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

प्रोत्साहन पैकेज पर कांग्रेस ने साधा निशाना, बताया ‘ऊंट के मुंह में जीरा’

[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="खबर सुनें "]

नई दिल्लीः कांग्रेस ने राज्यों को 12 हजार करोड़ रुपये के ब्याजमुक्त कर्ज देने समेत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं को ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि अब सरकार को ठोस आर्थिक नीति बनाने, जीएसटी को तर्कसंगत करने और उपभोक्ताओं के हाथ में सीधे पैसे देने का कदम उठाना चाहिए ताकि देश ‘भयंकर मंदी’ से बाहर निकल सके।

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों को नए निवेश के लिए पैसे देने चाहिए और उनसे कर्ज लेने के लिए कहने के बजाय खुद कर्ज लेना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से बाचतीत में कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने जो घोषणाएं की हैं उनके बारे में मैं यह कहूंगा कि आज निर्मला सीतारमण तीन योजनाएं- ‘अपने पैसे, खर्च करो ऐसे’, ‘तेरा पैसा, तुझको अर्पण’ और ‘उंट के मुंह में जीरा’ लेकर आई हैं।”

वल्लभ ने कहा, ‘‘बाजार में मांग बढ़ाने का आत्मज्ञान सरकार को महीनों बाद क्यों आया है और यह भी पर्याप्त नहीं है। हम कई महीनों से कह रहे हैं कि मांग बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए लोगों के हाथ में सीधे पैसे दीजिए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस पर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था। लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।” उनके मुताबिक, वित्त मंत्री ने कहा कि खर्च बढ़ाने के लिए राज्यों को 12 हजार करोड़ रुपये दिये जायेंगे।

जबकि राज्यों का कुल बजट लाखों करोड़ रुपये है। ऐसे में इस 12 हजार करोड़ रुपये को ऊंट के मुंह में जीरा कहा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘ठोस आर्थिक नीतियां बनाइए, मांग बढ़ाइए और जीएसटी तर्कसंगत बनाइए। जनता को मूर्ख बनाने का काम मत करिए। ताकि हम भयंकर मंदी और भयंकर बेरोजगारी से बाहर आ सकें।” कांग्रेस के डाटा विश्लेषण विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज विफल साबित हुआ है।

गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने सोमवार को कहा कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये केंद्र सरकार राज्यों को 12,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध करायेगी। कर्ज 50 साल की अवधि का होगा और यह पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च करने के लिये दिया जायेगा। उन्होंने इस साल केंद्रीय कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के एवज में नकद वाउचर देने की घोषणा की है।

इन वाउचर का इस्तेमाल सिर्फ ऐसे गैर-खाद्य सामान खरीदने के लिए किया जा सकता है जिनपर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है। वित्त मंत्री के अनुसार, सरकार ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को त्यौहारों के मौके पर 10,000 रुपये का ब्याज मुक्त अग्रिम देने का फैसला भी किया है। उपभोक्ता खर्च बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने की योजना के तहत सरकार ने यह कदम उठाया है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.