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पेड़ काटने पर 11,40,000 का जुर्माना, 3 दिन में नहीं दिया तो होगी FIR

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भोपाल: राजधानी भोपाल में एक नामी बिल्डर नितिन अग्रवाल को बिना अनुमति पेड़ काटने पर नगर निगम ने 10 लाख 40 हजार का फाइन लगाया है। बुधवार को जारी इस नोटिस में बिल्डर को 3 दिन का समय दिया है। तय अवधि के अंदर जुर्माना न भरने की सूरत में बिल्डर के खिलाफ मामला न्यायालय में पेश किया जाएगा।

दरअसल, भोपाल के बिल्डर नितिन अग्रवाल ने गांधीनगर स्थित आसाराम आश्रम के पास की जमीन पर लगे 228 पेड़ बिना अनुमति काट दिए। मामले की शिकायत 22 सितंबर को वन विभाग को मिली तो उड़नदस्ते ने पंचनामा बनाया। यहां 228 पेड़ों के ठूंठ मिले थे, जो पेड़ काटने के बाद जमीन से निकाले गए थे। उड़नदस्ते ने प्रकरण नगर निगम को सौंप दिया था। निगम ने नोटिस जारी करके जवाब मांगा था। तो बिल्डर ने निगम को जवाब में लिखा कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि पेड़ काटने के लिए निगम से अनुमति लेना जरूरी होता है। उन्होंने पेड़ काटने का ठेका बैरागढ़ में आरा मशीन का संचालन करने वाले नरेंद्र वासवानी से किया था। संतोषजनक जवाब न मिलने पर नगरनिगम ने उन्हें नोटिस थमा दिया।

जुर्माना न भरकर भी फायदे में रहेगा बिल्डर
यदि नितिन जुर्माना नहीं भरता है तो भी वह फायदे में ही रहेगा। क्योंकि बिल्डर पर प्रति पेड़ 5000 की दर से 11 लाख 40 हजार का जुर्माना लगाया है। जबकि, एक पेड़ काटने के बदले चार पौधे लगाने होते हैं। इसके लिए 5800 रुपए प्रति पेड़ की दर से सीपीए में जमा होते हैं। प्रति पेड़ की फीस 6000 हजार रुपए निगम में जमा होती है। लकड़ी निगम के स्टोर में जमा की जाती है। ऐसे में प्रति पेड़ 11 हजार 800 रुपए जमा होते हैं। 228 पेड़ के लिए यह राशि 26 लाख 90 हजार 400 रुपए होती है।

काटे गए पेड़ों की संख्या में गड़बड़ी
वहीं नगर निगम द्वारा जारी जुर्माने की रकम व पेड़ों की संख्या में तालमेल सही नहीं बैठ रहा। क्योंकि नोटिस में एक स्थान पर 228 पेड़ काटे जाने का जिक्र है, जबकि दूसरे स्थान पर 288 पेड़ काटना दर्ज किया गया है। जुर्माना प्रति पेड़ 5000 रु. लगाया है। इस प्रकार जुर्माना 14.40 लाख बनता है। जबकि, निगम की ओर से नोटिस 11.40 लाख का दिया गया है।

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