ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

बाबरी विध्वंस मामला: 28 साल बाद होगा MP के इन दो नेताओं के भाग्य का फैसला

[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="खबर सुनें "]

भोपाल: 28 साल बाद बाबरी विध्वंस मामले में फैसले की घड़ी आ गई है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में 30 सितंबर को इस केस में अपना फैसला सुनाएगी। सभी की निगाहें इस ऐतिहासिक फैसले पर टिकी हुई है। इस मामले में भाजपा, शिवसेना व विहिप के वरिष्ठ नेताओं के साथ साधु-संत भी आरोपित हैं। इनमें मध्य प्रदेश के दो कद्दावर नेता भी शामिल हैं। जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया शामिल हैं। ये दोनों भी बाबरी केस में आरोपी बनाए गए थे। लिहाजा 30 सितंबर को आने वाले फैसले में इनके भविष्य का भी फैसला होगा। घटना के 28 साल बाद आने जा रहे फैसले से पहले ही 18 आरोपियों की मौत हो चुकी है।

बाबरी विध्वंस मामले की आरोपी व बीजेपी की वरिष्छ नेता उमा भारती कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं वे वीसी के जरिए कोर्ट की कार्यवाही में भाग लेंगी, जबकि पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ग्वालियर से लखनऊ के लिए रवाना हो गए हैं। बता दें कि इससे पहले 12 जून को बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मध्य प्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता जयभान सिंह पवैया के अंतिम बयान दर्ज किए गए थे। ग्वालियर से लखनऊ पहुंचे जयभान सिंह पवैया ने सीबीआई कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए थे। सीबीआई की विशेष कोर्ट में बयान दर्ज कराने के बाद जयभान सिंह पवैया ने अपने बयान में कहा था कि अगर राम काज के लिए उन्हें कोई कुर्बानी देनी पड़ी तो वह इसके लिए तैयार हैं।

फैसले के मद्देनजर लखनऊ में कड़े सुरक्षा प्रबंध
अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को हुई विवादित ढांचे के विध्वंस की घटना पर न्यायालय का फैसला 30 सितंबर को सुनाया जाएगा। यह फैसला कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुनाया जाएगा। पुलिस ने लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत के आसपास कड़े सुरक्षा प्रबंधों की कार्ययोजना तैयार की है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.