अमेरिकी विदेश विभाग का बड़ा कबूलनामा: वैश्विक चुनौतियों से अकेले नहीं निपट सकता US, भारत का साथ बेहद जरूरी
वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने कहा है कि अमेरिका अकेले वैश्विक चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता है। उसके लिए भारत का साथ बेहद जरूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बीच उन्होंने कहा कि अमेरिका में चाहे जो भी राष्ट्रपति बने, उसके लिए भारत का साथ जरूरी होगा। प्रवक्ता ने माना कि दोनों संयुक्त रूप से एक मजबूत और सुरक्षित राष्ट्र हैं। वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों देश संयुक्त रूप से कम कर रहे हैं। खासकर इंडिया पैसिफिक के क्षेत्र में चीन के प्रभुत्व को कम करने के लिए। उन्होंने पीटीआइ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि दुनिया लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए संघर्ष कर रही है। प्रवक्ता ने कहा कि लोकतंत्र किसी भी तरह से पूरिपूर्ण नहीं है, लेकिन इसमें जवाबदेही और पारदर्शिता शामिल है।
किसी राजनीतिक दल की दया पर नहीं टिके हैं भारत-अमेरिका संबंध
ऑर्टागस ने कहा कि अमेरिका और भारत के संबंध पहले से और ज्यादा मजबूत हुए हैं। प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि भविष्य में दोनों देशों के बीच संबंध और ज्यादा मजबूत और मधुर होंगे। उन्होंने कहा कि इन संबंधों की मधुरता के पीछे किसी राजनीतिक दलों या व्यक्ति विशेष का हाथ नहीं है। अब दोनों देशों के बीच संबंध राजनीतिक दलों की पार्टी लाइन से ऊपर है। यह किसी भी प्रशासन के लिए जरूरी होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 3 नवंबर को होने वाले चुनाव में चाहे डेमोक्रेटिक की जीत हो या रिपब्लिकन पार्टी की उसको भारत से मधुर संबंध बनाए रखना होगा। प्रवक्ता ने कहा कि इसके पीछे धारणा यह है कि अमेरिकी लोग जानते हैं कि अमेरिका और भारत मिलकर काफी मजबूत स्थिति में हैं। दोनों एक साथ ज्यादा सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि दोनों इंडिया पैसिफिक में मिलकर काम कर रहे हैं।
10 वर्षों में वैश्विक चुनौतियां का आकार बड़ा होगा
प्रवक्ता ने कहा कि हम जानते हैं कि अगले 10 वर्षों में वैश्विक चुनौतियां का आकार बड़ा होगा। ये चुनौतियां और जटिल होंगी। अमेरिका और भारत दोनों कई समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का सामना अमेरिका अकेले नहीं कर सकता। हमें अपने सहयोगियों के साथ यह काम करना होगा। ऑर्टागस ने कहा कि भारत के साथ हमारी वैश्विक साझेदारी बड़ी होने जा रही है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया के मामले में दोनों देश समान है। भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हैं। दोनों देशों के बीच ये समान मूल्य अमेरिका और भारत के लिए एक मजबूत साझा मंच मुहैया कराती हैं।
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