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‘15 साल की बेटी का पेट भरने के पैसे नहीं थे, इसलिए कर दी शादी’ कोरोना के बाद भुखमरी का प्रहार

सीहोर: मध्यप्रदेश में सरकार के लिए बाल विवाह को रोकना एक चुनौती बना हुआ है, और अब ये चुनौती और भी बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल चाइल्डलाइन इंडिया, एनजीओ ने अपनी रिपोर्ट में ये खुलासा किया है कि मध्यप्रदेश में नवंबर 2019 और मार्च 2020 के बीच 46 बाल विवाह हुए हैं। लेकिन यही आंकड़ा अप्रैल से लेकर जून तक में बढ़कर 117 तक पहुंच गया। जिसका कारण ये है कि कोरोना महामारी के बाद लॉकडाउन के चलते लोगों के रोजगार चले गए, और फिर गरीबी ने उन्हें ऐसे कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।

इसी बारे में जब सीहोर जिले के नसरुल्लागंज के रूजाखेड़ी गांव की जाटव महिला से बात की गई। तो उनका कहना था कि वो लंबे समय से लॉकडाउन के दौरान आजीविका के स्त्रोतों कि बिना रह गई थीं। वो अपनी बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इसलिए वो उसकी भलाई सुनिष्चित करने के लिए उसकी शादी कर रही हैं। जाटव ने सवाल करते हुए कहा है कि मुझे बताएं कि मेरी बेटियों की सुरक्षा के लिए मेरे पास और क्या विकल्प हैं? नसरुल्लागंज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बुधनी विधानसभा क्षेत्र में आता है। जहां जाटव लड़कियों का बाल विवाह तेजी से हो रहा है। लेकिन इसी बीच 8 दिसंबर को बुधनी क्षेत्र में एक नाबालिक लड़के की शादी को प्रशासन द्वारा रोक दिया गया। जिसकी जानकारी खुद सीहोर जिले के परियोजना अधिकारी गिरीश चौहान ने दी है।

बाल विवाह पर रोक लगे होने के बावजदू इसके मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं, और अब भी ये एक चुनौती बने हुए हैं। लेकिन प्रशासन ने सतर्कता दिखाते हुए पिछले कुछ दिनों में मुरैना और उज्जैन में दो नाबालिग लड़कियों और राज्य के रायसेन जिले में एक लड़के की शादी को रोकने में सफलता हासिल की है। इस दौरान शुक्रवार को भी मुरैना के बाल विकास अधिकारी कृष्ण निगम के नेतृत्व में पोरसा तहसील में एक 14 वर्षीय लड़की की शादी रोक दी गई। वहीं बीते दिनों 13 दिसंबर को एक नाबालिग के विवाह को रोका गया है। वहीं बाल विवाह को लेकर यूनिसेफ का कहना है कि मध्य प्रदेश में बाल विवाह एक निरंतर चुनौती है, महामारी के कारण फैली गरीबी ने ने गरीब माता-पिता को लड़कियों का बाल विवाह  जल्दी करने के लिए प्रेरित किया है।

बता दें कि कोरोना के चलते लॉकडाउन में दूर दराज काम करने वालों के रोजगार छिन गए, सब कुछ बंद होने के कारण पैसे कमान के साधन नहीं मिले। जिसके चलते गरीबी बढ़ने लगी और यही बाल विवाह में तेजी का कारण बनी।

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