पाकिस्तान में मुहाजिर कार्यकर्ता की सुरक्षा बल ने यातना देकर की हत्या
लंदन। पाकिस्तान में कानून का राज समाप्त होने का एक और ताजा मामला सामने आया है। यहां अर्द्धसैनिक बल ने मुहाजिरों के प्रमुख संगठन मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी और उसके शव को फेंक दिया। कार्यकर्ता को चार साल पहले अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था। एमएक्यूएम के कार्यकर्ता शाहिद कलीम को नौ दिसंबर 2016 को कराची के लियाकताबाद से सुरक्षा बलों ने अपहरण कर लिया था।
कलीम की पत्नी ने उसके बाद सुरक्षा बल के मुख्यालय से लेकर अदालत तक गुहार की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। चार साल बाद अब उसका शव मिला है। कलीम की पत्नी ने आरोप लगाया है कि बिना किसी अपराध के सुरक्षा बल उसके पति को उठाकर ले गए। उसे चार साल तक यातना देते रहे और बाद में मारकर फेंक गए। मारे गए 35 वर्षीय कलीम की पत्नी ने बताया कि उसका शव पूरी तरह काला पड़ा हुआ था, उसे करंट लगाकर यातना दी गई थी।
एमक्यूएम के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने कार्यकर्ता की हत्या की निंदा की है। पार्टी के संयोजक तारिक जावेद ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार मुहाजिरों का पुलिस और सुरक्षा बल के माध्यम से नरसंहार करा रही है। अब तक हजारों मुहाजिरों की इसी तरह से हत्या कर दी गई। ज्ञात हो कि मुहाजिर 1947 में बंटवारे के समय भारत से पाकिस्तान जाने वाले मुसलमान हैं। इनकी सिंध प्रांत में 70 फीसद आबादी है। इन्हें अभी तक बराबरी का दर्जा नहीं मिला है। पाकिस्तान के लोग इन्हें घृणा की दृष्टि से देखते हैं। एमक्यूएम नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से पाक में सुरक्षा बलों के द्वारा किए जा रहे नर संहार को रोकने की मांग की है।
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