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Celina Jaitly ने बयां किया अपना दर्द, बताया- एक बच्चा NICU में था और दूसरे के अंतिम संस्कार की तैयारी हो रही थी

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस सेलिना जेटली के लिए वो वक्त कितना बुरा रहा होगा जब उन्होंने अपने बच्चे को खोया होगा। अपने जुड़वा बच्चों में से एक को खोने का दर्द आज भी उनके दिल में ताजा है। सेलिना ने ‘वर्ल्ड प्रीमेच्योर डे’ पर सोशल मीडिया पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया था। इस पोस्ट के जरिए उन्होंने उस पर के बारे में बताया जब उन्होंने अपने बच्चे को खोया था। सेलिना का ये पोस्ट आपका दिल छू लेगा।

‘वर्ल्ड प्रीमेच्योर डे’ को 17 नवंबर 2011 को शुरू किया गया था। इस दिन का मतलब है कि उन लाखों बच्चों की जिंदगियों के बारे में जानकारी दी जाती है तो समय से पहले जन्म लेते हैं। वहीं उनके साथ जन्म के दौरान आईं ​कठिनाईयों के बारे में भी बताया जाता है। वहीं सेलिना जेटली ने 17 नवंबर यानी वर्ल्ड प्रीमेच्योरिटी डे के दिन एक इमोशनल पोस्ट लिखा। उन्होंने अपने बच्चे संग कोलाज में तस्वीर भी शेयर की है। इसी के साथ ही उन्होंने फैंस से अपने नन्हें बच्चे के लिए दुआएं भी मांगी हैं।

सेलिना ने अपने इस पोस्ट में लिखा, ‘हर साल समय से पहले पैदा होने वाले लाखों बच्चों की खातिर जागरूकता पैदा करने के लिए ‘वर्ल्ड प्रीमैच्योर डे’ 17 नवंबर 2011 को शुरू किया गया। किसी भी बच्चे के लिए उसका प्रीमेच्योर जन्म होना एक बहुत ही गंभीर समस्या है। हालांकि जहां एक तरफ ये दर्द काफी गहरा है वहीं दूसरी तरफ के आखिरी छोर पर एक उम्मीद की किरण भी है। जो भी पैरेंट्स निओनेटल इंटेसिव केयर यूनिट (NICU) में हैं, उन्हें मैं और पीटर हेग भरोसा दिलाते हैं कि चीजें सही हो रही हैं और आने वाला समय बहुत ही रोमांचकारी होगा। हस उस असहनीय दर्द से गुजरे हैं जब हमारा एक बच्चा NICU में था और दूसरे के अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही थीं। हम NICU के डॉक्टर्स और नर्सों का धन्यवाद देते हैं कि आर्थर हमारे साथ घर आ सका।’

अपने इस पोस्ट में सेलिना ने आगे लिखा, ‘कई  प्रीमैच्योर बेबीज पूरी जिंदगी मेडिकल चैलेजेंस के साथ जीते हैं, वहीं कुछ पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं। कुछ तो विंस्टन चर्चिल और अल्बर्ट आइंस्टीन और हां, हमारे बेटे आर्थर जेटली हेग जैसी मशहूर हस्ती भी बन जाते हैं। आर्थर के लिए अपनी प्रार्थनाएं और आशीर्वाद जारी रखिए और हां, प्रीमैच्योर बच्चों का ध्यान कैसे रखा जाए, इस बारे में पढ़नते रहिए।’

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