बेंगलुरु दंगा: पीएफआइ पर NIA का शिकंजा, एसडीपीआइ के कार्यालयों समेत 43 ठिकानों पर छापेमारी
बेंगलुरु। एनआइए ने अगस्त में शहर के पुलिस थानों पर हिंसक हमले और दंगो से जुड़े मामले में पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की राजनीतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआइ) के कार्यालयों समेत कुल 43 स्थानों पर बुधवार को तलाशी ली। एक अधिकारी ने इस बारे में बताया।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) के एक प्रवक्ता ने कहा कि 11 अगस्त को बेंगलुरु में डी जे हल्ली और के जी हल्ली थानों पर हिंसक हमले और दंगा मामले में एसडीपीआइ के चार कार्यालयों समेत बेंगलुरु में 43 स्थानों पर तलाशी ली गयी। उन्होंने बताया कि मामला बड़े पैमाने पर दंगा, पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने, थानों की इमारतों में सरकारी और निजी वाहनों समेत सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़ा है। साथ ही उन्होंने कहा कि दंगाई घातक हथियारों से लैस थे।
एनआइए के प्रवक्ता ने कहा कि दंगों से आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई और समाज में आतंक पैदा करने की मंशा से इसे अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि डी जे हल्ली थाना के मामले में अब तक 124 आरोपितों और केजी हल्ली थाना के मामले में 169 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अधिकारी ने बताया कि छानबीन के दौरान एसडीपीआइ और पीएफआइ से संबंधित कई भड़काऊ सामग्री मिली और तलवार, चाकू, छड़ जैसे हथियार जब्त किए गए। मामले में आगे जांच चल रही है।
सोमवार को बेंगलुरु की सेंट्रल क्राइम ब्रांच पुलिस ने मामले में आरोपित पूर्व मेयर आर.संपत्त कुमार और कांग्रेस नेता जाकिर को शरण देने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। यह आरोपित पिछले कुछ हफ्तों से फरार चल रहा था। संयुक्त पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने कहा कि इस मामले में रियाजुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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