अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर भड़के गृहमंत्री अमित शाह, कहा- यह सत्ता का खुलेआम दुरुपयोग
मुंबई। अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी महाराष्ट्र पुलिस एवं उद्धव सरकार के विरुद्ध हर तरफ से तीखी प्रतिक्रियाएं आती दिखाई दे रही हैं। देश के गृहमंत्री एवं भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने इस कार्रवाई को सत्ता का खुल्लमखुल्ला दुरुपयोग करार दिया है। उनके अनुसार इस घटना ने आपातकाल की याद ताजा कर दी है। शाह के अनुसार कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने लोकतंत्र को एक बार फिर शर्मसार कर दिया है। अर्नब गोस्वामी एवं रिपब्लिक टीवी के विरुद्ध की गई यह कार्रवाई लोकतंत्र के चौथे खंभे पर सीधा हमला है।
प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले का किया विरोध
शाह ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता पर हुए इस हमले का कड़ा विरोध होना चाहिए और हम करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि यह घटना कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी की उस नीति का ही एक और नमूना है, जिसमें खुद से असहमति रखनेवाले लोगों को चुप कर दिया जाता है। नड्डा के अनुसार इस घटना से हर उस व्यक्ति में गुस्सा है, जो मीडिया की स्वतंत्रता एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करता है। यह शर्मनाक है।
भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा आपातकाल के दोषी को भारत ने क्षमा नहीं किया
नड्डा ने ट्वीट करके कहा कि भारत ने आपातकाल के लिए इंदिरा गांधी को क्षमा नहीं किया। प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रहार करने के लिए राजीव गांधी को माफ नहीं किया। और अब भारत मीडिया पर सत्ता की शक्ति का दुरुपयोग करने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी माफ नहीं करेगी।
देवेंद्र फडनवीस की गिरफ्तारी की निंदा
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडनवीस ने भी अर्नाब की इस प्रकार हुई गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि आपातकाल का समर्थन करनेवाले कांग्रेस और शिवसेना जैसे दल आज भी अपने विरोध में उठनेवाली आवाज को दबाने के लिए उन्हीं पुराने क्रूर तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। फडनवीस के अनुसार हालांकि आपातकाल 1977 में ही परास्त हो चुका है। लेकिन, वह मानसिकता आज भी जिंदा है।
दो और भाजपा नेताओं ने भी उद्धव सरकार पर साधा निशाना
अर्नब की गिरफ्तारी के बाद सबसे पहली प्रतिक्रिया देनेवालों में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर तथा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी रहीं। जावडेकर ने ट्वीट करके कहा कि हम महाराष्ट्र में प्रेस की आजादी पर हुए हमले की निंदा करते हैं। ये प्रेस के साथ व्यवहार करने का तरीका नहीं है। इस घटना ने हमें आपातकाल की याद दिला दी, जब प्रेस के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जाता था। स्मृति ईरानी ने ट्वीट करके कहा कि जो लोग आज अर्नब के समर्थन में नहीं खड़े होते, वे फासीवाद के समर्थन में खड़े माने जाएंगे। हो सकता है, आप उन्हें (अर्नब को) पसंद न करते हों। आप उनके कामों का समर्थन न करते हों। लेकिन आज यदि आप चुप रहते हैं, तो कल आपका नंबर आने पर कौन खड़ा होगा आपके साथ?
कंगना रनोट ने भी सोनिया गांधी पर साधा निशाना
पिछले कुछ महीनों से महाराष्ट्र सरकार के साथ मोर्चा लेती आ रही अभिनेत्री कंगना रनोट ने भी ट्वीटकर सोनिया गांधी एवं ठाकरे परिवार पर तंज कसा है। उन्होंने सवाल किया है कि पप्पूप्रो को गुस्सा क्यों आता है? पेंग्विन्स को गुस्सा क्यों आता है? सोनिया सेना को इतना गुस्सा क्यों आता है ? कंगना आगे लिखती हैं कि अर्नब सर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कीमत चुकाने के लिए उन्हें खुद पर हमला करने दीजिए। बाल खींचने दीजिए। आजादी का कर्ज चुकाना है।
संजय राऊत की प्रतिक्रिया
इस मामले में महाराष्ट्र सरकार में शामिल कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना में से सिर्फ शिवसेना सांसद संजय राऊत की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा है कि महाराष्ट्र सरकार कभी बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करती है। महाराष्ट्र में कानून का राज है। पुलिस को जांच में कोई सबूत हाथ लगा होगा, तो पुलिस किसी पर भी कार्रवाई कर सकती है।
Warning: A non-numeric value encountered in /home/aibnews/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 212
Warning: A non-numeric value encountered in /home/aibnews/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 213
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.