ब्रेकिंग
दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- बात करके पूरा हो सकता है मकसद UP के अगले विधानसभा चुनाव में ओवैसी-केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित सावधान! CM योगी का बदला मिजाज, अब कार से करेंगे किसी भी जिले का औचक निरीक्षण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलाने पर भड़की प्रियंका गांधी पाक सेना ने राजौरी मे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की संत बाबा राम सिंह की मौत पर कमलनाथ बोले- पता नहीं मोदी सरकार नींद से कब जागेगी गृह मंत्री के विरोध में उतरे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे गिरफ्तार, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर तनाव मोबाइल लूटने आए बदमाश को मेडिकल की छात्रा ने बड़ी बहादुरी से पकड़ा कांग्रेस बोलीं- जुबान पर आ ही गया सच, कमलनाथ सरकार गिराने में देश के PM का ही हाथ EC का कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, चुनाव में पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप

कृषि कानूनों पर राष्ट्रपति का पंजाब के शिष्टमंडल से मिलने से फिलहाल इन्कार, कांग्रेस सांसदों दिल्ली में जमाया डेरा

चंडीगढ़। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा पास किए गए बिलों पर मिलने से फिलहाल मना कर दिया है। राष्ट्रपति भवन से इस संबंधी सूचना भेज दी गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय नेे इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि उन्होंने राष्ट्रपति से कोई और समय देने की मांग कर दी है। उधर, पंजाब के कांग्रेस सांसद दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। वह इस कृषि कानूनों के मुद्दे पर पीएम से मिलने का समय मांग रहे हैं।

बता दें, मुख्यमंत्री ने सभी राजनीतिक पार्टियों के विधायकों के साथ पंजाब सरकार द्वारा पारित किए गए खेती संशोधन बिलों को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात करनी थी और उनसे आग्रह करना था कि इन संशोधनों को पारित किया जाए। चूंकि यह बिल अभी भी राज्यपाल बीपी सिंह बदनौर के पास लंबित हैं, इसलिए राष्ट्रपति भवन से कहा गया है कि ऐसे में मिलने की कोई औचित्य नहीं रह जाता।

पंजाब विधानसभा ने 21 अक्टूबर को यह बिल पारित करके राज्यपाल को भेजे थे और उनसे आग्रह किया था कि वह इसे जल्द से जल्द पास कर दें, लेकिन अभी तक राज्यपाल ने उन्हें अपने पास ही रखा हुआ है। इन बिलों को लेकर 4 नवंबर को मुख्यमंत्री की अगुवाई में विधायकों ने राष्ट्रपति के साथ मुलाकात करनी थी।हालांकि विपक्ष के विधायकों आम आदमी पार्टी और अकाली दल ने राष्ट्रपति की पास जाने से पहले ही इन्कार कर दिया था। आम आदमी पार्टी ने तो इसे ड्रामाबाजी बताया और कहा कि उनके पास जाने का कोई फायदा नहीं है।

इधर, कांग्रेस के सांसदों ने पिछले 5 दिनों से दिल्ली में डेरा जमाया हुआ है। पहले वह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलना चाहते थे, लेकिन दोनों मंत्रियों ने उन्हें समय नहीं दिया तो सोमवार को सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए पीएम का दरवाजा खटखटाया।

पंजाब के कांग्रेस सांसदों का दिल्ली में डेरा, मोदी से मांगा समय

केंद्र सरकार के नए कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन के कारण केंद्र सरकार की ओर से मालगाडिय़ों का परिचालन बंद करने को लेकर पंजाब के कांग्रेस सांसदों ने दिल्ली में डेरा जमा लिया है। कांग्रेस सांसद वीरवार शाम से रेल मंत्री पीयूष गोयल और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मिलने का समय मांग रहे थे, परंतु चौथे दिन भी जब केंद्रीय मंत्रियों ने समय नहीं दिया तो सोमवार को इन सांसदों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए पीएमओ का दरवाजा खटखटा दिया है।

लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्टू ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मालगाडिय़ां न चलने से पंजाब में विकट स्थिति पैदा हो गई है। किसानों व केंद्र सरकार के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने और पंजाब की संवेदनाओं को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए उनसे समय मांगा गया है।

बिट्टू ने कहा कि मालगाडिय़ों की सेवा बहाल करवाने, जीएसटी मुआवजे का बकाया जारी करने, रूरल डेवलपमेंट फंड (आरडीएफ) को बहाल रखने व तीनों कृषि सुधार कानूनों पर पुनर्विचार करने के को लेकर वह प्रधानमंत्री से मिलना चाहते हैैं। इसके बारे में पीएमओ को सूचित कर दिया गया है।

बता दें 22 अक्टूबर को किसानों ने कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ रेल रोको आंदोलन शुरू करने वाले 31 किसान संगठनों ने मालगाडिय़ों के परिचालन के लिए 15 दिन के लिए रेलवे ट्रैक खाली कर दिए थे। दो दिन गाडिय़ां चलीं तो एक किसान संगठन ने दो निजी थर्मल प्लांट की रेलवे लाइन पर यह कहते हुए धरना दिया कि वह निजी थर्मल प्लांटों को कोयले की सप्लाई नहीं होने देंगे। इसके बाद रेल मंत्रालय ने पंजाब सरकार से रेलवे चालक दल की सुरक्षा को यकीनी बनाए जाने व सभी ट्रैक से किसानों के न हटने तक मालगाडिय़ों का परिचालन बंद कर दिया। केंद्र सरकार ने धान की खरीद पर आरडीएफ रोकने के संकेत दे दिए। जिसे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इसे बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया था।

पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ का कहना है कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है जैसे यह दुश्मन देश हो। ऐसा व्यवहार तो चीन के साथ भी नहीं हो रहा है। चीन से बातचीत के लिए केंद्र सरकार तैयार है लेकिन पंजाब के किसानों, सांसदों, मंत्रियों को मिलने का समय नहीं दिया जा रहा है। गौरतलब है कि मालगाडिय़ों का परिचालन बंद होने से पंजाब में कोयले की कमी के कारण थर्मल प्लांट बंद हैैं। डीएपी व यूरिया न आने की वजह से गेहूं की बिजाई में दिक्कत आ रही है, जबकि दूसरे प्रदेशों को अनाज न भेजे जाने के कारण पंजाब के गोदाम खाली नहीं हो रहे हैं।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.