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प्रदूषण से निपटने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की अनोखी पहल, पराली से बनेगी बायोगैस

भोपाल: प्रदूषण का स्तर बढ़ाने में पराली का अहम भूमिका रहती है। हवा की गुणवत्ता को खराब होने के लिए पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है। करोनो संकट के बीच पराली का जलाना स्वास्थ्य के लिए और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है। इस समस्या से उभरने के लिए मध्य प्रदेश कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने प्रभावी पहल की है। प्रस्तावित योजना के तहत मध्यप्रदेश में पराली को उपयोगी बायोगैस में बदला जाएगा।

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है, किसानों के पास इसके अलावा कोई आसान विकल्प भी नहीं है। इस कारण देश की अर्थव्यवस्था के असली नायक अन्नदाता किसान पर्यावरण के खलनायक रूप में आते जा रहे हैं। मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसानों के साथ जुड़ी दिक्कतों को समझे बिना इसका हल नहीं निकल सकता, खेतीहर मजदूरों की कमी और फसल की कटाई में हार्वेस्टर के उपयोग से पराली बड़ी समस्या बन गई है और इसका समाधान किसान को जेल पहुंचाकर नहीं निकाला जा सकता। इसके लिए सरकारों को सहयोगी बनकर रास्ता निकालना होगा।

कमल पटेल ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के साथ विचार विमर्श कर मध्यप्रदेश में पराली से उपयोगी बायोगैस बनाने के उपाय पर अमल शुरू किया जा रहा है। बहुत जल्द आवश्यक प्लांट की स्थापना के लिए पहल की जाएगी। इससे किसानों और शासन के लिए संकट बनी पराली का बेहतर उपयोग हो सकेगा। पराली से बनी इस बायोगैस का सीएनजी वाहनों सहित अन्य क्षेत्रों में उर्जा के तौर पर इस्तेमाल हो सकेगा।

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