सुप्रीम कोर्ट ने तब्लीगी जमात के नौ विदेशी सदस्यों पर लगाए गए दस साल के यात्रा प्रतिबंध को किया खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए तब्लीगी जमात के नौ विदेशी सदस्यों पर भारत में दस साल तक न आने की लगाई गई पाबंदी हटा दी है। जमात के इन सदस्यों ने कोविड-19 के संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम में शिरकत की थी। जस्टिस एस.अब्दुल नजीर और संजीव खन्ना की खंडपीठ ने जमात के इन विदेशी सदस्यों में से एक की याचिका पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपना फरमान सुनाया।
साथ ही सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यदि भविष्य में यह लोग भारत यात्रा के लिए वीजा का आवेदन करते हैं तो बिना हाईकोर्ट के आदेश के प्रभाव में आए हुए उनके वीजा के आवेदन को मेरिट पर लिया जाना चाहिए। हाईकोर्ट के विगत 13 अक्टूबर के आदेश से अब याचिकाकर्ता और आठ अन्य लोगों का कोई लेना-देना नहीं है। हाईकोर्ट ने इन लोगों को दस साल तक भारत आने से रोका था। सुनवाई के दौरान इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इन विदेशियों को भारत से जाने का परमिट जारी किया गया है। जल्दी ही वह लोग अपने देशों के लिए रवाना हो जाएंगे।
वहीं केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में बताया है कि तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों को 11 राज्यों ने काली सूची में डाला हुआ है। इन 2765 सदस्यों के खिलाफ करीब 205 एफआइआर दर्ज हैं। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने कोरोना का प्रकोप शुरू होने के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित तब्लीगी जमात के समागम से संबंधित मीडिया रिपोर्टिंग से जुड़े मामले में केंद्र की ओर से पेश हलफनामे पर नाखुशी जताई थी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि टेलीविजन पर परोसी जाने वाली ऐसी खबरों से निपटने के लिए केंद्र को नियामक प्रणाली बनाने पर गौर करना चाहिए।
यही नहीं प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को ऐसी प्रणाली बनाने और इस बारे में अदालत को भी बताने का निर्देश दिया। अदालत ने सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि पहले तो आपने सही हलफनामा दाखिल नहीं किया और अब जब आपने इसे दाखिल किया है तो इसमें दो बड़े सवालों का जवाब ही नहीं दिया गया है। यह सही तरीका नहीं है। हम आपके जवाब से सहमत नहीं है। हम आपसे (केंद्र सरकार) यह जानना चाहते हैं कि टीवी पर इस तरह की सामग्री से निपटने के लिए क्या व्यवस्था की गई है।
Warning: A non-numeric value encountered in /home/aibnews/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 212
Warning: A non-numeric value encountered in /home/aibnews/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 213
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.