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UPSC Prelims Postpone: ‘कफ-कोल्ड’ पीड़ित उम्मीदवारों को अलग बैठाने की व्यवस्था यूपीएससी करे – सुप्रीम कोर्ट; सुनवाई जारी

नई दिल्ली।  सर्वोच्च न्यायालय की पीठ द्वारा यूपीएससी से कहा गया कि  ‘कफ-कोल्ड’ पीड़ित उम्मीदवारों को अलग बैठाने की व्यवस्था करे ताकि अन्य उम्मीदवारों को इससे संक्रमण न हो सके। वहीं, संघ लोक सेवा आयोग ने उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई के दौरान अपने हलफनामा में जानकारी दी कि यदि सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थगित की जाती है तो परीक्षा के आयोजन की तैयारियों पर हुए 50 करोड़ रुपये के व्यय का नुकसान हो सकता है।

सर्वोच्च न्यायालय में सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 को स्थगित किये जाने को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई आज, 30 सितंबर को हो रही है। इस याचिका पर इससे पहले 28 सितंबर को सुनवाई हुई थी, जिसमें उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खण्डपीठ द्वारा संघ लोक सेवा आयोग और केंद्र सरकार को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया था। पिछली सुनवाई के आधार पर यूपीएससी के कल 29, सितंबर तक हलफनामा दाखिल करना था और मामले की आज सुनवाई होनी थी।

इससे पहले यूपीएससी द्वारा 4 अक्टूबर को प्रस्तावित सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 को लेकर सुनवाई 25 सितंबर को हुई थी। प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में वासीरेड्डी गोवर्धन साई प्रकाश समेत कुल 20 यूपीएससी उम्मीदवारों द्वारा गुहार लगायी गयी है। इस याचिका में इन उम्मीदवारों को पक्ष अधिवक्ता अलख श्रीवास्तव रख रहे हैं। वहीं, परीक्षा को स्थगित किये जाने को लेकर असिस्टेंट कमांडेंट स्तर के एक सरकारी अधिकारी द्वारा भी गुहार लगायी गयी है।

इंटरवेंशन अप्लीकेशन

सिविल सर्विसेस प्रिलिम्स एग्जाम को दो-तीन माह के लिए स्थगित किये जाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के एक सहायक कमांडेंट देबायन रॉय ने इंटर्वेशन अप्लीकेशन दी है। इसमें उन्होंने मांह की है कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों के कारण उन्हें अतिरिक्त कार्यभार संभालना पड़ा, जिसके कारण परीक्षा की उनकी तैयारी बाधित हुई है।

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